विकास की रफ्तार होगी और तेज, एमपी के इन दो शहरों के बीच बनेगी नई सड़क, इन गांवों को मिलेगा लाभ

सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत इंदौर से उज्जैन तक 50 किलोमीटर लंबा नया टू-लेन वैकल्पिक मार्ग बनने जा रहा है, जिससे ट्रैफिक की समस्या कम होगी और आसपास के 20 से अधिक गांवों के लगभग एक लाख ग्रामीणों को बेहतर आवागमन मिलेगा।

Srashti Bisen
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सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत इंदौर और उज्जैन के बीच एक और वैकल्पिक मार्ग विकसित होने जा रहा है। राज्य सरकार ने इंदौर के टिगरिया बादशाह से उज्जैन के सांवेर तहसील स्थित बड़ोदिया खान तक करीब 50 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़क को मंजूरी दे दी है। यह सड़क 78 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी।

यह नया मार्ग न केवल सिंहस्थ के समय ट्रैफिक का दबाव कम करेगा, बल्कि आसपास के 20 से अधिक गांवों को भी सीधे जोड़ेगा। इससे लगभग एक लाख ग्रामीणों को सुगम और तेज़ आवागमन की सुविधा मिलेगी, जो अब तक मुख्य सड़कों पर निर्भर थे।

सिंहस्थ के लिए महत्त्वपूर्ण संपर्क मार्ग

यह सड़क सिंहस्थ 2028 के दौरान तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी। इंदौर एयरपोर्ट या महाराष्ट्र और गुजरात से सड़क मार्ग द्वारा आने वाले श्रद्धालु इस रास्ते से सीधे उज्जैन पहुंच सकेंगे, जिससे मुख्य हाईवे पर भीड़ का दबाव काफी हद तक कम होगा।

27 पुल-पुलियाओं का निर्माण प्रस्तावित

इस सड़क परियोजना में सुपर कॉरिडोर स्थित टीसीएस चौराहे से शुरू होकर सांवेर के बड़ोदियाखान तक 27 छोटे-बड़े पुल और पुलियों का निर्माण प्रस्तावित है। सड़क को पूरी तरह तैयार करने में अनुमानित दो साल का समय लग सकता है।

इन गांवों को मिलेगा लाभ

इस वैकल्पिक मार्ग से जिन गांवों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा, उनमें प्रमुख हैं, टिगरिया बादशाह, लिबोदा गारी, पुवार्डा, जुनार्दा, पालिया, सतलाना, पितावली, बघाना, मेरखेडी, मावलाखेडी, धतुरिया, टाकुन, नागपुर, मण्डोत-सिन्नीद, चित्तीडा, बालरिया, गुलावट, रालामंडल, थीराखेडी, हिण्डोलिया, टिटावदा, लोहागढ़, शाहदा और बड़ोदियाखान।