एमपी के इस जिले में बनेगा नया हाईटेक इनडोर स्टेडियम, खिलाड़ियों को मिलेगा आधुनिक प्रशिक्षण का लाभ

भिंड जिले के महर्षि अरविंद महाविद्यालय में नया इनडोर स्टेडियम बनाया जाएगा, जिसकी डीपीआर तैयार कर टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इस स्टेडियम में खिलाड़ियों को आधुनिक खेल सुविधाएं और प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे स्थानीय खेल प्रतिभाओं को उभरने का अवसर मिलेगा।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश में विकास की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। सड़कों, रेलवे और शहरी बुनियादी ढांचे के साथ-साथ अब राज्य सरकार खेल सुविधाओं के विस्तार पर भी ध्यान दे रही है। इसी दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है भिंड जिले में, जहां अब एक नया इनडोर स्टेडियम बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू होने जा रहा है।

भिंड के महर्षि अरविंद महाविद्यालय में इनडोर स्टेडियम के निर्माण को लेकर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है। यह कदम जिले में खेल विकास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। फिलहाल कॉलेज में करीब 1300 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन यहां अभी तक इनडोर खेलों के लिए कोई समुचित सुविधा नहीं है। ऐसे में यह स्टेडियम आने वाले समय में विद्यार्थियों और खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरेगा।

डीपीआर की तैयारी शुरू, जल्द पास होगा टेंडर

इस परियोजना के लिए निर्माण एजेंसी बीडीसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करे। डीपीआर तैयार होते ही इस परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा, जिससे स्थानीय खिलाड़ियों को लंबे समय से प्रतीक्षित सुविधा का लाभ मिलेगा।

खिलाड़ियों को मिलेगी ये सुविधाएं

यह इनडोर स्टेडियम न केवल खेल गतिविधियों के लिए होगा, बल्कि इसमें खिलाड़ियों के संपूर्ण प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी ताकि युवाओं को खेल की तकनीकी जानकारी और अभ्यास का अवसर मिल सके। यहां बास्केटबॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल जैसे खेलों के लिए भी विशेष प्रबंध किए जाएंगे। साथ ही, गर्मी और सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्टेडियम में वातानुकूलन और ताप नियंत्रण जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

खेल प्रतिभाओं को मिलेगा मंच

भिंड जिले में इनडोर स्टेडियम का निर्माण न केवल खेल प्रतिभाओं को निखारने का अवसर देगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास में भी योगदान देगा। युवाओं को अब खेलों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, बल्कि उन्हें अपने ही जिले में उचित माहौल और संसाधन मिलेंगे।