मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विपणन वर्ष 2026-27 के लिए एमएसपी में यह बढ़ोतरी किसानों के हित को मजबूत करने वाला अहम कदम है। इस फैसले से मध्यप्रदेश के अन्नदाताओं को भी व्यापक लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही किसानों की भलाई और उनकी समृद्धि के लिए लगातार प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं का एमएसपी 160 रुपये, जौ का 170 रुपये, चना का 225 रुपये, मसूर का 300 रुपये तथा रेपसीड और सरसों का 250 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। सबसे अधिक वृद्धि कुसुम के लिए 600 रुपये प्रति क्विंटल रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2026-27 के लिए गेहूं का एमएसपी 2585 रुपये, जौ का 2150 रुपये, चना का 5875 रुपये, मसूर का 7000 रुपये, रेपसीड और सरसों का 6200 रुपये तथा कुसुम का 6540 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को मंजूरी देना किसान हित में ऐतिहासिक कदम है। इसके तहत वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक दाल उत्पादन को 350 लाख टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। मिशन के लिए 11,440 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। किसानों को दाल की नई किस्मों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके लिए 88 लाख नि:शुल्क बीज किट वितरित किए जाएंगे।
फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए रणनीति बनाई गई है और लगभग 1,000 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी। अगले चार वर्षों में तुअर, उड़द और मसूर की संपूर्ण फसल की खरीद सुनिश्चित की जाएगी।