इंदौर,13 अक्टूबर 2023: विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा महापौर और सभी एमआईसी सदस्यों से सभी तरह की सुविधाएं वापस ले ली जाती हैं। आचार संहिता के तहत नगर निगम के महापौर के कार्यालय में ताला लगा दिया जाता है और उनके नाम पट्टिका ढक दी जाती है। इसी तरह एमआईसी सदस्यों के कार्यालयों पर भी ताला लगाकर उनके नाम पर पट्टिका ढक दी गई थी।
बता दे कि, इस बार भी नगर निगम के परिषद कार्यालय के अधिकारियों द्वारा महापौर के कार्यालय पर ताला लगा दिया गया था और उनके नाम की बाहर लगी पट्टिका अखबारों के कागज से ढक दी गई थी।
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महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस कार्यवाही पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि आदर्श आचार संहिता में महापौर के कार्यालय बंद करने और नाम पट्टिका को ढकने का कहीं उल्लेख नहीं है। महापौर के अनुसार, महापौर का पद संवैधानिक पद है, और इस तरह की कार्यवाही उचित नहीं है।
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महापौर ने निगम सचिव को अपना कार्यालय खोलने और नाम पट्टिका पर चिपकाए गए कागजों को हटाने के निर्देश दिए। दूसरी ओर, उच्च प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, आदर्श आचार संहिता में महापौर से सुविधाएं वापस लेने के बारे में कोई उल्लेख नहीं है।
इस मामले में उठी बहस का नतीजा अभी अज्ञात है और यह देखना होगा कि किस प्रकार की कार्यवाही अगले कदम के रूप में ली जाती है।