मध्यप्रदेश सरकार ने फिर से 3 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। यह राशि दो हिस्सों में—प्रत्येक 1500 करोड़ रुपये—रिजर्व बैंक के माध्यम से सरकार को 1 अक्टूबर को उपलब्ध कराई जाएगी। इन कर्जों की अदायगी क्रमशः 20 और 23 साल में की जाएगी। बता दें कि यह सितंबर महीने में तीसरी बार है जब सरकार ने 3 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है; सात दिन पहले ही दो अलग-अलग 1500-1500 करोड़ रुपये के कर्ज लिए गए थे। इसके पहले 9 सितंबर को सरकार ने कुल 4 हजार करोड़ रुपये तीन अलग-अलग कर्जों के रूप में प्राप्त किए थे।
1 अक्टूबर को मिलने वाले पहले 1500 करोड़ रुपये का भुगतान राज्य सरकार अगले 20 वर्षों में करेगी, जबकि दूसरी 1500 करोड़ रुपये की राशि 23 वर्षों में चुकाई जाएगी।
3 हजार करोड़ रुपये के नए कर्ज के साथ इस वित्त वर्ष में राज्य सरकार का कुल कर्ज 37,900 करोड़ रुपये हो गया है। इस राशि के साथ ही राज्य सरकार का कुल कर्ज आंकड़ा 4,59,640.27 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है, जबकि 23 सितंबर को यह 4,56,640.27 करोड़ रुपये था।
लगातार कर्ज लेने के बावजूद राज्य सरकार अपनी राजस्व अधिशेष वाली स्थिति बनाए रखने का दावा कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह कर्ज निर्धारित सीमा के भीतर ही लिया जा रहा है।