मध्य प्रदेश: 21 घंटे तक डिजिटल बंधक बनी नर्स, ऐसे सामने आई सच्चाई

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By Ravi GoswamiPublished On: November 10, 2024

मध्य प्रदेश के खंडवा जिला अस्पताल में कार्यरत एक स्टाफ नर्स को ठगों ने 21 घंटे तक डिजिटल बंधक बनाकर रखा। ठगों ने पीड़ित को इतना नियंत्रित कर रखा था कि उसे मोबाइल के सामने से हटने, पानी पीने या खाना खाने तक की इजाजत नहीं दी। जब परिवार के सदस्य उससे संपर्क नहीं कर पाए, तो उन्होंने उसके पड़ोसियों को सूचना दी। पड़ोसियों ने जब देखा कि नर्स का कमरा लंबे समय से बंद है, तो उन्होंने पुलिस को मामले की जानकारी दी।

नर्स पर मढ़ा गया था ड्रग्स तस्करी का झूठा आरोप

मध्य प्रदेश: 21 घंटे तक डिजिटल बंधक बनी नर्स, ऐसे सामने आई सच्चाई

पुलिस के मुताबिक, पीड़िता कंचन उइके खंडवा मेडिकल कॉलेज से जुड़े जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं। ठगों ने खुद को महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच से बताकर नर्स को वीडियो कॉल किया था। पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति को देखकर नर्स घबरा गई। कॉल करने वाले ने उस पर ड्रग्स की तस्करी का आरोप लगाया और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की धमकी दी।

डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए पुलिस ने जारी की गाइडलाइन

फोन करने वाले ने नर्स से पूछताछ के नाम पर उसे डिजिटल अरेस्ट में रख लिया और हर कॉल का स्क्रीन शेयर भी करवाया। खंडवा के एसपी मनोज कुमार राय ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कभी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है और इस तरह का कोई कानून भारतीय पुलिस व्यवस्था में नहीं है। यदि इस प्रकार के फोन कॉल या वीडियो कॉल्स आएं, तो यह धोखाधड़ी का हिस्सा हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसे मामलों में वे अपनी नजदीकी पुलिस थाना या साइबर सेल से शिकायत करें। साथ ही, पुलिस ने इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है।