एमपी के इस शहर में बनेगा राज्य का पहला फ्रूट फॉरेस्ट, लगाएं जाएंगे 10 लाख पौधे, महिलाएं संभालेगी कमान

Author Picture
By Srashti BisenPublished On: June 6, 2025
MP News

MP First Fruits Forest : मध्य प्रदेश, जिसे भारत का दिल कहा जाता है, अब एक और अनोखी पहल के चलते देशभर में चर्चा का विषय बनने जा रहा है। जहां अब तक यह राज्य अपनी सांस्कृतिक विविधता, स्वादिष्ट व्यंजनों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता रहा है, वहीं अब यह हरियाली और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। सागर जिले में मध्य प्रदेश का पहला “फ्रूट फॉरेस्ट” (फल वन) विकसित किया जाएगा, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी महिलाओं को दी जाएगी।

सागर बनेगा पहला ‘फ्रूट हब'(MP First Fruits Forest)

प्रदेश सरकार ने सागर जिले को इस अनूठी परियोजना के लिए चुना है, जहां जुलाई से 10 लाख फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के पहले चरण में जिले के चार विकास खंडों की पहचान की गई है, जहां प्रत्येक क्षेत्र में करीब एक लाख पौधे लगाए जाएंगे। शुरुआत में 30-30 हजार पौधों का रोपण कर इसकी नींव रखी जाएगी। आने वाले दो से तीन वर्षों में इस पूरे क्षेत्र को प्रदेश का पहला “फ्रूट हब” बनाने का लक्ष्य है।

महिलाओं को मिलेगा नेतृत्व का अवसर

एमपी के इस शहर में बनेगा राज्य का पहला फ्रूट फॉरेस्ट, लगाएं जाएंगे 10 लाख पौधे, महिलाएं संभालेगी कमान

इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि इसकी देखरेख स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सौंपी जाएगी। इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे पौधों की सही तरीके से देखभाल कर सकें और इस कार्य को अपनी आजीविका का साधन भी बना सकें। यह पहल न सिर्फ पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का भी एक सशक्त कदम है।

रोपण में शामिल होंगे विविध फलदार पौधे

इस फ्रूट फॉरेस्ट में अमरूद, आम, नींबू, जामुन और कटहल जैसे पौधों का रोपण किया जाएगा, जिनका न केवल पर्यावरणीय महत्व है, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी ये लाभकारी होंगे। ये पौधे स्थानीय जलवायु के अनुकूल हैं और अच्छी देखभाल के साथ जल्दी फल भी देना शुरू कर सकते हैं।

पौधों की नियमित सिंचाई के लिए ‘अटल भू-जल योजना’ के तहत आधुनिक इरिगेशन सिस्टम स्थापित किया जाएगा। साथ ही, वर्मी कंपोस्ट और जैविक खाद का भी निर्माण किया जा रहा है ताकि पौधों को पोषण की कमी न हो और वे तेजी से विकसित हो सकें। इस पूरी व्यवस्था को पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ रखा जाएगा।

हरियाली के साथ होगा ग्रामीण विकास

यह फ्रूट फॉरेस्ट परियोजना पर्यावरण को हरा-भरा बनाने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे जहां किसानों और महिलाओं को आय के नए स्रोत मिलेंगे, वहीं आने वाले समय में यह स्थान एक पर्यटन स्थल के रूप में भी उभर सकता है।