इंदौर बनेगा प्रदेश का पहला महानगर, ये मास्टर प्लान बदल देगा इन 5 जिलों की किस्मत

मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने के लिए योजना बनाई है, जिसमें इंदौर के साथ-साथ उज्जैन, शाजापुर, धार और देवास जैसे आसपास के शहरों का भी विकास किया जाएगा। इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस परियोजना का प्रेजेंटेशन दिया और आगामी दिनों में इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा।

Srashti Bisen
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Indore Metropolitan City : मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने के लिए महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं, और इसके लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत इंदौर के साथ-साथ आसपास के शहरों को भी विकसित किया जाएगा, जिससे इंदौर और इसके आसपास के क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास हो सके। इस प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिनसे पूरे क्षेत्र में बदलाव की संभावनाएं बढ़ रही हैं।

इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजनल प्लान की तैयारी

इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजनल प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें इंदौर के अलावा उज्जैन, शाजापुर, धार और देवास जैसे शहरों को भी शामिल किया गया है। इस योजना को फाइनल टच देने के लिए इंदौर कलेक्टोरेट में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें कई जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में योजना से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए, जिन्हें अंतिम रूप में शामिल किया जाएगा। इसके बाद यह प्रस्ताव राज्य सरकार की कमेटी के पास भेजा जाएगा।

बैठक में हुई मुख्य चर्चा और निर्णय

बैठक के दौरान इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी (IDA) द्वारा तैयार किए गए मेट्रोपॉलिटन प्लान का प्रेजेंटेशन दिया गया। इस दौरान 5 जिलों के विकास के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। हालांकि, इस बैठक में सभी जन प्रतिनिधि शामिल नहीं हो पाए, क्योंकि कई सदस्य व्यस्तता के कारण उपस्थित नहीं थे। इस बैठक में चार जिलों के सांसद, 20 विधायक, 3 महापौर, 2 नगर पालिका अध्यक्ष और 4 कलेक्टर को शामिल होने का प्रस्ताव था।

विभिन्न जिलों का योगदान

मेट्रोपॉलिटन प्लान में इन जिलों का योगदान इस प्रकार रहेगा:

  • इंदौर: 100% 
  • उज्जैन: 45%
  • देवास: 29.72%
  • धार: 7%
  • शाजापुर: 0.54%

इसके अतिरिक्त, यह भी प्रस्ताव रखा गया कि इस मेट्रोपॉलिटन रीजन में इंडस्ट्रियल इस्टेट के लिए एक अलग अथॉरिटी बनाई जाए। यह प्रस्ताव अगले 7 दिनों में प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। इसमें यह भी मांग की गई है कि इंडस्ट्रियल इस्टेट के विकास के लिए एक अलग समिति बनाई जाए, ताकि यह क्षेत्र आर्थिक रूप से अधिक सशक्त बन सके।