स्वच्छता में आठ बार देशभर में अव्वल रहने वाले इंदौर की यह तस्वीर चौंकाने वाली है। तलावली चांदा स्थित आंगनवाड़ी केंद्र की स्थिति बेहद दयनीय है। केंद्र के मुख्य द्वार पर बना शौचालय का दरवाज़ा सीधे सड़क की ओर खुलता है। दरवाज़ा इतना जर्जर हो चुका है कि उसके आर-पार देखा जा सकता है और अक्सर उसका आधा हिस्सा नीचे गिर जाता है। इस वजह से महिलाएं यहां आने से हिचकती हैं। पिछले दो वर्षों से यह हालात बने हुए हैं, लेकिन अब तक किसी ने इसकी सुध नहीं ली।
विकास के दावे, पर जमीनी हालात बदहाल
यह वही क्षेत्र है जहां हाल ही में 8 करोड़ रुपये की लागत से फूड एंड ड्रग लैब का निर्माण किया गया है, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं किया था। इसके बावजूद तलावली चांदा स्थित आंगनवाड़ी केंद्र के शौचालय की स्थिति बेहद खराब है, जबकि मुख्यमंत्री ने कुछ ही समय पहले सभी कलेक्टरों और कमिश्नरों को स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे।
10 साल पुराना केंद्र, क्षेत्र में नहीं है दूसरा सार्वजनिक टॉयलेट
पिछले 10 वर्षों से संचालित इस आंगनवाड़ी केंद्र में शौचालय का निर्माण ऐसी जगह किया गया है, जहां लोगों की आवाजाही अधिक रहती है। क्षेत्र में दूसरा कोई सार्वजनिक शौचालय भी उपलब्ध नहीं है। जब इस स्थिति को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भारती सेन, सहायक मालती ठाकुर और सुपरवाइज़र अलका तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, हालांकि यहां आने वाली महिलाओं ने अपनी परेशानियां खुलकर बताईं।
बरसात में छत से टपकता पानी
तलावली चांदा स्थित आंगनवाड़ी केंद्र में करीब 30 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन बरसात के दौरान यहां छत से लगातार पानी टपकने के कारण बच्चों के लिए बैठना भी मुश्किल हो जाता है। वर्षों से रखरखाव न होने के कारण भवन की छत अब काफी कमजोर हो चुकी है और गिरने का खतरा बना हुआ है। यह केंद्र एक ही हाल और रसोई कक्ष में संचालित किया जा रहा है।
छह महीने से आंगनवाड़ी में नहीं है बिजली
बिल का भुगतान नहीं होने के कारण इस आंगनवाड़ी केंद्र सहित कैलाश कुटी और दो अन्य केंद्रों की बिजली आपूर्ति पिछले छह महीनों से बंद है। पिछले महीने की तेज उमस के दौरान बिजली न होने से बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।











