इंदौर में एक महिला नेशनल शूटर के साथ Verma Travels की बस में छेड़छाड़ का शर्मनाक मामला सामने आया है। आरोप है कि इंदौर से पुणे जा रही बस में कंडक्टर ने महिला खिलाड़ी को गलत तरीके से छुआ। इसके बाद शूटर ने न केवल आरोपी कंडक्टर बल्कि बीच-बचाव करने आए ड्राइवर की भी जमकर पिटाई कर दी। घटना के बाद दोनों कर्मचारी बस को सड़क पर ही छोड़कर फरार हो गए, जिससे यात्री घंटों परेशान होते रहे।
यह घटना रविवार रात इंदौर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र की है। पुणे निवासी 30 वर्षीय नेशनल शूटर एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बाद वर्मा ट्रैवल्स की बस से वापस लौट रही थीं। शिकायत के मुताबिक, जैसे ही वह बस में चढ़ीं, कंडक्टर ने उनके साथ गलत हरकत की।
विरोध करने पर की पिटाई, नशे में थे कर्मचारी
पीड़िता ने इस हरकत का तुरंत विरोध किया और आत्मरक्षा में कंडक्टर की पिटाई शुरू कर दी। शोर सुनकर जब ड्राइवर बीच-बचाव के लिए आया तो महिला खिलाड़ी ने उसकी भी धुनाई कर दी। इस हंगामे के बाद बस में मौजूद अन्य यात्री भी नीचे उतर आए। यात्रियों का आरोप है कि बस के ड्राइवर और कंडक्टर, दोनों ही नशे की हालत में थे। हंगामे के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए।
पुलिस के दखल के बाद सुबह 4 बजे रवाना हुई बस
कर्मचारियों के भाग जाने के कारण बस सड़क पर ही खड़ी रही और यात्री देर रात तक फंसे रहे। सूचना मिलने पर राजेंद्र नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। महिला खिलाड़ी ने टीआई नीरज बिरथरे को घटना की जानकारी देते हुए एक लिखित आवेदन दिया। पुलिस ने तुरंत ट्रैवल्स संचालक से संपर्क किया, जिसके बाद सोमवार सुबह करीब 4 बजे एक दूसरे ड्राइवर को भेजा गया। इसके बाद ही बस पुणे के लिए रवाना हो सकी।
इस मामले की जांच कर रहीं एसआई शिल्पा पाटीदार ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पीड़िता पुणे की रहने वाली हैं, इसलिए आगे की कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में FIR दर्ज की जाएगी।
कलेक्टर के निर्देश बेअसर, पहले भी हुई है ऐसी घटना
इंदौर में निजी बसों में महिला यात्रियों से छेड़छाड़ की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले 6 नवंबर को भी Hans Travels की बस में एक युवती से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। इन घटनाओं के बाद कलेक्टर शिवम वर्मा ने बस संचालकों को महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्टाफ की नियमित जांच के लिए सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन यह घटना दिखाती है कि उन निर्देशों का कोई असर नहीं हो रहा है।











