त्योहारी सीजन के बाद शहर की मशहूर रात्रिकालीन सराफा चौपाटी के पुनर्गठन पर महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इंदौर चांदी-सोना एवं जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के प्रतिनिधि महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मुलाकात कर चौपाटी के भविष्य पर चर्चा करेंगे। बैठक में दुकानों की संख्या, उनकी स्थिति और चौपाटी के संपूर्ण प्रबंधन से जुड़े अहम फैसले लिए जाने की संभावना है।
त्योहारी सीजन के बाद होगी अहम बैठक
त्योहारी सीजन के बाद सराफा चौपाटी के संचालन और प्रबंधन को लेकर गठित समिति की बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में व्यापारियों से प्राप्त सुझावों पर चर्चा की जाएगी और चौपाटी के लिए नए नियमों को अंतिम रूप देने में समिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बैठक के बाद ही तय होगा कि इंदौर की यह ऐतिहासिक चौपाटी आने वाले समय में किस रूप में दिखाई देगी।
महापौर से मिलेगा व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल
इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी ने बताया कि जल्द ही व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल महापौर से मुलाकात करेगा। उनकी मुख्य मांग है कि सराफा चौपाटी में दुकानों की संख्या 60 से 65 के बीच सीमित रखी जाए। साथ ही यह भी प्रस्ताव रखा जाएगा कि सभी दुकानें सड़क की एक ही ओर स्थापित हों, ताकि आगंतुकों को आने-जाने में कोई असुविधा न हो। व्यापारियों का कहना है कि चौपाटी में प्राथमिकता केवल उन्हीं दुकानों को दी जानी चाहिए, जो परंपरागत रूप से वर्षों से यहां लगती आ रही हैं।
चौपाटी शिफ्ट करने की उठ रही थी मांग
इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन ने रात्रिकालीन सराफा चौपाटी को मौजूदा सराफा बाजार से स्थानांतरित करने की मांग उठाई थी। एसोसिएशन का तर्क है कि चौपाटी में दुकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है और किसी भी आकस्मिक घटना की स्थिति में बड़ा नुकसान हो सकता है।
अपनी मांगों के समर्थन में व्यापारी मूक प्रदर्शन कर चुके हैं और पदाधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी। इसके साथ ही, उन्होंने कई बैठकें भी आयोजित कीं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप एसोसिएशन के पदाधिकारियों और महापौर के बीच हुई चर्चा में सराफा चौपाटी को लेकर एक समिति गठित करने पर सहमति बनी। यह समिति श्राद्ध पक्ष के बाद तय करेगी कि चौपाटी का भविष्य स्वरूप कैसा होगा।