इंदौर की डॉ दिव्या गुप्ता को मिला केंद्रीय राज्य मंत्री का दर्जा

पहले आत्मरक्षा और फिर आत्मनिर्भर यदि हर महिला इस मंत्र को अपना ले तो उसके लिए जीवन जीना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है। महिला समाज की रीढ़ है और उसका मजबूत होना जरूरी है। मैं इसी मंत्र को लेकर कार्य कर रही हूं यह कहना है समाज सेविका और स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. दिव्या गुप्ता का। अब उनके उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री की अनुसंशा पर डॉक्टर दिव्या गुप्ता को National commission for protection of child rights का सदस्य नियुक्त किया गया। साथ ही केंद्र में राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया

विगत 10 वर्षों से डा. दिव्या गुप्ता संस्था ज्वाला के जरिए यह कार्य कर रहीं हैं। 10 वर्ष पहले इन्होंने स्कूल और कालेज की छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने का संकल्प लिया और अभी तक यह पांच लाख बालिकाओं और युवतियों को यह प्रशिक्षण दिला चुकी हैं। इसके बाद इन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर होने का पाठ पढ़ाना शुरू किया।

 

सात साल पहले एक ऐसा अभिनव प्रयास शुरू किया जो न केवल महिलाओं के हित में बल्कि प्रकृति के हित में भी हितकर साबित हुआ। इन्होंने चंद जरूरतमंद महिलाओं को साथ लेकर बेकार कागज से लिफाफे और थैलियां बनाने का काम शुरू किया जिसमें आज 500 महिलाएं शामिल हैं। कागज के लिफाफों के बाद कागज की थैलियां बनाने का उपक्रम शुरू हुआ जिसके जरिए महिलाएं रोजगार प्राप्त कर रही हैं।