कार्यकारी अधिकारियों के लिए सामान्य प्रबंधन कार्यक्रम – जीएमपीई बैच 6 का समापन समारोह 28 नवंबर, 2021 को आईआईएम इंदौर में आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो.हिमाँशु राय;प्रो. सौम्य रंजन दाश, डीन-प्रोग्राम्स; और प्रो. भवानी शंकर और प्रो. श्रीहरि सोहानी, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, जीएमपीई; सहित पाठ्यक्रम पूरा करने वाले सभी 23 प्रतिभागियों के साथ संपन्न हुआ।
प्रो. राय ने अपने संबोधन में हमारे अपने जीवन के ‘सीईओ’ बनने के तरीकों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि बचपन में हम विचित्र, साहसिक, और निडर लक्ष्य और सपने पूरे करने का लक्ष्य रखते हैं। हालाँकि, जैसे-जैसे हम बढती उम्र के साथ परिपक्व होते हैं, हम भय और नकारात्मकता को स्वयं पर हावी होने देते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ पाते।
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‘हमें असफलता के डर को परास्त कर आगे बढ़ने की ज़रूरत है – क्योंकि हम कड़ी मेहनत और हार न मानने वाले स्वभाव से अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। हम तभी असफल होते हैं जब हम कोशिश करना बंद कर देते हैं या अपने आसपास के लोगों की नकारात्मक बातों से प्रभावित हो जाते हैं। इसलिए, हमें नकारात्मक विचारों को खत्म करने की जरूरत है। लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रहने और प्राथमिकताएं निर्धारित करने के लिए, हमें हर दिन प्रातः जागने के क्षण से ही आलस और कार्य को टालने की प्रवृत्ति को छोड़ देना चाहिए।
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इससे हमें न केवल दिन भर के तय कार्य पूरे कर पाएंगे, बल्कि इससे हमें अपने लक्ष्यों को हासिल करने और हमारे जीवन का ‘सीईओ’ बनने में भी मदद मिलेगी। सीईओ (Conscientiousness यानि कर्तव्य निष्ठा, Emotional Intelligence यानि भावनात्मक विद्वत्ता, औरOpenmindedness यानि खुले विचार ) का एक बिल्कुल नया अर्थ समझाते हुए, उन्होंने सभी को अनुशासित, भरोसेमंद, दयालु और संवेदनशील बनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया को भावनात्मक बुद्धिमत्ता की जरूरत है, और हमें न केवल अपनी भावनाओं को, बल्कि दूसरों की भावनाओं को भी समझकर, खुशी और दुख को साझा करनाचाहिए। ‘खुले विचार रखें और सभी से प्रेम से मिलें,इससे आपको हर किसी से कुछ नया सीखने में मदद मिलेगी’ उन्होंने कहा।
जीएमपीईपर चर्चा करते हुए, प्रो. दाश ने उल्लेख किया कि यह पाठ्यक्रम प्रबंधन में कार्यरत अधिकारियों के कौशल के विकास के लिए शुरू किया गया था। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है जो एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा जहां उद्योग और शिक्षाविद सह-अस्तित्व में हों। उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी, ‘सक्रिय रहें, पाठ्यक्रम के दौरान प्राप्त ज्ञान का उपयोग करें और अपने ज्ञान को निरंतर बढाते रहें।
प्रो. भवानी शंकर और प्रो. श्रीहरि सोहानी ने भी प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए बधाई दी। सभी प्रतिभागियों को निदेशक से पूर्णता का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। शीर्ष रैंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को भी प्रमाण पत्र दिए गए। ये थे – खुशबू जैन (प्रथम), प्रदीप कुमार शर्मा (द्वितीय) और नयंक जैन (तृतीय)।
एक साल की अवधि के सप्ताहांत पर आयोजित होने वाले पाठ्यक्रम में बैंकिंग, निर्माण, शिक्षा, एफएमसीजी, ई-कॉमर्स आदि जैसे विभिन्न डोमेन के अधिकारियों का नामांकन देखा गया। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों को उनके संगठन में एक सामान्य प्रबंधन भूमिका के लिए तैयार करना और उनके नेतृत्व और प्रबंधकीय कौशल को बढ़ाना था।
पाठ्यक्रम में व्यवसाय वित्त, वित्तीय लेखांकन, डिजिटल और सोशल मीडिया मार्केटिंग, मार्केटिंग प्रबंधन, प्रबंधकीय संचार, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, मात्रात्मक तकनीक, रणनीतिक प्रबंधन, उद्यमिता और नवाचार और संचालन प्रबंधन, आदि विषयों पर सत्र शामिल थे। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।