इंदौर : आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल द्वारा लीज विभाग में पदस्थ उपयंत्री श्री दिनेश शर्मा द्वारा आवंटित दायित्व का निवर्हन नही करने व प्रकरण को अनावश्यक लंबित रखने व यथासमय अनापत्ति जारी नही करने पर निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश प्रदान किये गये इसके साथ ही लीज विभाग में कार्यरत अस्थाई कर्मचारी रोहित चैहान द्वारा प्रकरण लंबित रखने व कार्य में लापरवाही करने पर कार्य/ हाजिरी से मुक्त करते हुए, पारिश्रमिक भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई।
विदित हो कि लीज विभाग अंतर्गत आवेदक अरूण कुमार पिता स्व. श्री जोहरीलाल झांजरिया एवं श्रीमती कांता स्व. श्री प्रमोदकुमार झांजरिया द्वारा लीज भूखण्ड 26/1/1 ब्लाॅक क्रमंाक 07 स्कीम नंबर 7 रेसकोर्स रोड इंदौर के विक्रय हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किये जाने पर विभाग स्तर से प्रस्तुत प्रकरण में आयुक्त महोदय के स्तर से अक्टुबर 2020 में स्वीकृति प्रदान की गई थी। प्रकरण के संबंध में आवेदक द्वारा दूरभाष के माध्यम से अवगत कराया गया है कि निरंतर संपर्क करने के उपरांत भी विभाग स्तर से आज दिनांक 18 जून 2021 तक अपेक्षित अनापत्ति प्रकरण पत्र जारी नही किया गया।
![Indore News : लीज प्रकरण लंबित रखने पर उपयंत्री सस्पेंड 4](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2021/03/suspends.jpg)
प्रकरण के संबंध में विभाग स्तर से अद्यतन जानकारी प्राप्त कि जाने पर यह प्रकाश में आया है कि उक्त प्रकरण लीज विभाग में पदस्थ कार्यरत उपयंत्री श्री दिनेश शर्मा व अस्थाई कर्मचारी रोहित चैहान के पास लंबित रहा है, अक्टुबर 2020 में सक्षम स्वीकृति प्रदान किये जाने के उपरांत भी उपयंत्री श्री शर्मा द्वारा प्रकरण को वर्तमान तक लंबित रखने तथा अनापत्ति जारी नही करने का कृत्य गंभीर लापरवाही व अनुशासनहीनता का परिचायक होकर स्वैच्छिककार्य प्रणाली को प्रदर्शित करता है।
उपरोक्त उल्लेखानुसार आयुक्त सुश्री पाल द्वारा लीज विभाग के अंतर्गत कार्यरत उपयंत्री श्री दिनेश शर्मा को आवंटित पदीय दायित्व का समुचित तरीके से निर्वहन नही करने व प्रकरण को अनावश्यक रूप से लंबित रखने व यथासमय अनापत्ति जारी नही करने पर मध्य प्रदेश सिविल नियम के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए, विभागीय जांच के आदेश दिये गये। निलंबिन अवधि में इनका मुख्यालय टेªचिंग ग्राउण्ड रहेगा। इसके साथ ही अस्थाई कर्मचारी रोहित चैहान द्वारा लीज प्रकरण लंबित रखने व कार्य में लापरवाही करने पर कार्य/ हाजिरी से मुक्त करते हुए, पारिश्रमिक भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई।