महापौर पुष्यमित्र भार्गव की सख्ती के चलते हनी सिंह के कॉन्सर्ट के आयोजकों को अंततः 7 लाख 85 हजार रुपये नगर निगम के खाते में जमा करने पड़े। बार-बार कहने के बावजूद कर जमा न करने पर महापौर ने कार्यक्रम से पहले भुगतान सुनिश्चित करने की चेतावनी दी थी। इससे पहले, पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के शो से नगर निगम को कोई कर प्राप्त नहीं हुआ था।
नगर निगम ने जताई थी आपत्ति
नगर निगम एमआईसी सदस्य निरंजनसिंह चौहान ने इंदौर में होने वाले आयोजनों में टैक्स चोरी को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने महापौर को पत्र लिखकर आयोजकों द्वारा मनोरंजन कर न चुकाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इस पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर निर्देश दिया कि टैक्स जमा होने के बाद ही आयोजन की अनुमति दी जाए। उन्होंने मध्यप्रदेश नगर पालिका कर नियम 2018 का हवाला देते हुए इस तरह के आयोजनों पर कर वसूली को अनिवार्य करने की बात कही थी।

आयोजकों को दी गई थी कड़ी हिदायत
महापौर के निर्देश पर नगर निगम के मार्केट विभाग के अपर आयुक्त ने कार्यक्रम आयोजकों को पत्र भेजकर 10% मनोरंजन कर अग्रिम रूप से जमा करने के निर्देश दिए थे। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया था कि यदि निर्धारित कर नहीं चुकाया गया, तो नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम अपर आयुक्त लता अग्रवाल ने बताया कि आयोजकों ने अब कर का भुगतान कर दिया है।
मनोरंजन कर वसूली पर सख्ती जरूरी
इंदौर में विभिन्न बड़े आयोजन होते रहते हैं, लेकिन नगर निगम को मनोरंजन कर के रूप में उचित राशि प्राप्त नहीं होती। उदाहरण के तौर पर, पिछले साल दिसंबर में हुए दिलजीत दोसांझ के शो में करोड़ों रुपये के टिकट बिके, लेकिन निगम को एक भी रुपया नहीं मिला। इसी तरह, क्रिकेट मैचों के आयोजन में भी कर वसूली में कठिनाइयां आती हैं। ऐसे में नगर निगम को इस प्रकार की सख्ती जारी रखनी होगी, ताकि शहर के राजस्व को नुकसान न पहुंचे और सार्वजनिक हित सुरक्षित रह सके।