Indore : दंत चिकित्सकों के लिए नई तकनीक, 3 दिवसीय Lingual Orthodontics वर्कशॉप का आखिरी दिन

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By Suruchi ChircteyPublished On: April 12, 2022

इंदौर(Indore): शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय(Dental College), इंदौर में तीन दिवसीय Lingual Orthodontics वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। इस वर्कशॉप का आज 12 अप्रैल को अंतिम दिन है। वर्कशॉप में इन्दौर के सभी दंत चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे है। प्रिंसिपल डॉ. देशराज जैन ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस नई तकनीक का प्रयोग लोगों की जरूरतों को देखते हुए बहुत ही कारगर साबित होगा।

साथ ही स्टूडेन्टस के सर्वांगीण विकास के लिये ऐसी गतिविधियां होती रहनी चाहिये। कोर्स परिचालक डॉ. सूर्यकांत दास विभाग प्रमुख एस. सी. बी. डेन्टल कॉलेज कटक, ने बताया कि आज के समय में जहॉ लोग रूप-रंग को लेकर काफी सचेत हैं, वहॉ यह तकनीक उनके टेढे-मेढे दॉतों को बिना तार दिखे आसानी से ठीक कर सकती है। खासतौर पर वयस्क लोगों के लिये, जहॉं वे अपने रूप-रंग को लेकर सचेत और चिंतित तो रहते है एवं तार का ईलाज भी करवाना चाहते है परंतु ऑफिस, कॉलेजों आदि जगहों में होने पर शर्म के कारण तार का ईलाज करवाने से कतराते है।

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ऐसी स्थिति में Lingual Orthodontics अर्थात दांतों पर मुख के अंदर लगाये जाने वाले तारों का ईलाज उन सभी लोगों के लिये बहुत ही उपयोगी साबित होगा। वे अपने दांतों का तार का ईलाज बिना किसी झिझक के करवा सकेगें।कार्यक्रम का शुभारंभ प्रिंसिपल डॉ. देशराज जैन, कोर्स परिचालक डॉ. सूर्यकांत दास, आयेाजन अध्यक्ष एवं ऑर्थोडोंटिक्स विभाग प्रमुख शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर डॉ. संध्या जैन, प्रोफेसर व ऑर्थोडोंटिक्स विभाग प्रमुख कॉलेज ऑफ डेन्टल साईन्स राऊ डॉ. अशोक खण्डेलवाल एवं म.प्र. डेन्टल कॉउसिंल से प्रेक्षक डॉ. अनिल तिवारी ने किया।

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अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों में मॉडर्न डेन्टल कॉलेज इन्दौर से प्रिंसिपल तथा ऑर्थोडोंटिक्स विभाग प्रमुख डॉ. अमित भारद्वाज एवं अरविन्दों इन्स्टीट्यूट ऑफ डेन्टल साईन्स के ऑर्थोडोंटिक्स विभाग प्रमुख डॉ. आशीष गर्ग विशेष रूप से उपस्थित हुए। इसमें डॉ. गौरवर्धन कुलकर्णी, डॉ. सुरूचि टेकाडे, डॉ. विराग भाटिया, डॉ. प्रेरणा राजे बाथम एवं डॉ. अशोक कुमार पनिका समन्वयक के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन इन्टर्न डॉ. अलवीरा ने किया एंव अन्त में आभार प्रदर्शन प्रोफेसर डॉ. रामकिशोर रात्रे द्वारा किया गया।