Indore : डीएवीवी में ‘स्कूल ऑफ आयुष’ शुरू करने को लेकर बनी सैद्धांतिक सहमति

Author Picture
By Mukti GuptaPublished On: March 26, 2023

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के तहत जल्द ही स्कूल ऑफ आयुष की स्थापना की जाएगी। यह जानकारी भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के लगातार तीसरी बार सदस्य चुने गए देश के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी ने दी। उन्होंने इंदौर सांसद शंकर लालवानी जी के साथ महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल को ज्ञापन देकर इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के तहत स्कूल ऑफ आयुष शुरू करने का निवेदन किया था, ताकि सिकलसेल और अप्लास्टिक एनीमिया जैसी अन्य गंभीर बीमारियों से निपटने में मदद मिल सके।


राज्यपाल ने डॉक्टर द्विवेदी के आग्रह को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय में ‘स्कूल आफ आयुष’ शुरू करने को लेकर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि इस संबंध में वो जल्द ही कैबिनेट के संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर अगले सत्र में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में स्कूल आफ आयुष शुरू करने के हर संभव प्रयास करेंगे।

देश को 2047 तक एनीमिया मुक्त बनाने का लक्ष्य

उल्लेखनीय है कि सिकलसेल और अप्लास्टिक एनीमिया जैसी घातक बीमारियों से विशेष रुप से आदिवासी क्षेत्र में हो रहे दुष्परिणामों को लेकर डॉ. द्विवेदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी से भी उनकी इंदौर यात्रा के दौरान चर्चा की थी। नए बजट में केंद्र सरकार ने भी देश को 2047 तक एनीमिया मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।

Indore : डीएवीवी में 'स्कूल ऑफ आयुष' शुरू करने को लेकर बनी सैद्धांतिक सहमति

इसके दृष्टिगत विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ आयुष की स्थापना अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी है। एनीमिया (सिकलसेल) निवारण के लिए डॉ. द्विवेदी द्वारा लंबे समय से जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उनके द्वारा प्रत्येक वर्ष फरवरी माह के अन्तिम रविवार से मार्च के प्रथम रविवार तक इन्दौर में एनीमिया रथ के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इसमें डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, मरीजों एवं आम लोगों के साथ-साथ इंदौर के सांसद शंकर लालवानी भी प्रमुखता से हिस्सा लेते हैं।

‘स्कूल ऑफ आयुष’ की स्थापना से इस लक्ष्य प्राप्ति में मिलेगी मदद

राज्यपाल से डॉ. द्विवेदी की भेंट के दौरान मौजूद श्री लालवानी भी मानते हैं कि सिकल सेल और अप्लास्टिक एनीमिया जैसी बीमारियों की रोकथाम की दिशा में स्कूल ऑफ आयुष की स्थापना एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है। इससे इस लक्ष्य प्राप्ति में बहुत मदद मिलेगी। इस वर्ष डॉ. द्विवेदी द्वारा जन-जागरूकता के तहत चलाये गये एनीमिया रथ ने इंदौर शहर तथा आसपास के क्षेत्रों में 8 दिनों में लगभग 200 किलोमीटर का भ्रमण किया। इस दौरान रथ के साथ चलने वाली होम्योपैथिक चिकित्सकों की टीम ने करीब 35 हजार लोगों से मिलकर एनीमिया के लक्षण, होम्योपैथिक उपचार तथा खानपान की जानकारी दी। लालवानी कहते हैं कि जिस तरह से इन्दौर स्वच्छता में नम्बर-1 है उसी तरह से डाॅ. ए.के. द्विवेदी के अथक प्रयासों से ये एनीमिया मुक्त में भी नम्बर-1 बनेगा।