‘राज से करवा देता शादी…’, जीजा राजा रघुवंशी का पिंडदान कर सोनम के भाई ने ऐसा क्यों कहा?

इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के बाद उनका परिवार उज्जैन के सिद्धवट घाट पर पिंडदान करने पहुंचा। इस दौरान सोनम के भाई गोविंद भी शामिल हुए और बहन की करतूत पर अफसोस जताते हुए कहा कि अगर सोनम दोषी साबित होती है तो उसे फांसी मिलनी चाहिए।

Srashti Bisen
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इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की हत्या के बाद शुक्रवार को उनका परिवार उज्जैन पहुंचा, जहां धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ सिद्धवट घाट पर उनका पिंडदान किया गया। राजा की असमय मृत्यु ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस मौके पर राजा के भाई विपिन, भतीजे सहित उनकी पत्नी सोनम का भाई गोविंद भी शामिल हुआ। गोविंद ने साफ शब्दों में कहा कि अगर उसे सोनम और राजा के बीच प्रेम संबंधों की जानकारी पहले होती, तो वह खुद उनकी शादी करवा देता या उन्हें भाग जाने की सलाह देता।

पिंडदान कार्यक्रम के दौरान सोनम के भाई गोविंद ने मीडिया से चर्चा में कहा कि उसकी बहन बेहद जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव की थी, इसलिए परिवार कभी उसके फैसलों के खिलाफ नहीं गया। उसने कहा कि अगर सोनम शादी नहीं करना चाहती थी, तो वह खुलकर मना कर सकती थी। लेकिन उसने जो रास्ता चुना, वह न केवल शर्मनाक है। गोविंद ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि उसकी बहन ने पूरे परिवार के साथ-साथ इंदौर और मध्यप्रदेश का नाम भी बदनाम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सोनम दोषी साबित होती है, तो उसे फांसी जैसी सख्त सजा मिलनी चाहिए।

11 मई को हुई थी राजा और सोनम की शादी

राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी और 21 मई को दोनों शिलॉन्ग हनीमून के लिए गए थे। इसी यात्रा के दौरान, सोनम पर अपने प्रेमी राज और उसके साथियों के साथ मिलकर राजा की हत्या का आरोप है। यह जघन्य कांड बीते 21 दिनों से पुलिस जांच में है, जिसमें अब तक मेघालय पुलिस ने सोनम, उसके प्रेमी और अन्य साथियों को आरोपी बनाया है। पुलिस पूछताछ के बाद इस हत्या की गुत्थी धीरे-धीरे सुलझती नजर आ रही है।

राजा के भाई विपिन ने क्या कहा?

राजा के भाई विपिन ने बताया कि पूरे परिवार ने राजा के अंतिम संस्कार की धार्मिक विधियों को पूरा करने के लिए उज्जैन के सिद्धवट घाट पर पिंडदान किया। इसी दौरान गोविंद ने राजा के परिवार से संपर्क कर साथ आने की इच्छा जताई। विपिन ने कहा कि गोविंद को अपनी बहन की गलती का एहसास है, इसलिए उन्होंने उसे साथ आने की अनुमति दी। उन्होंने यह भी कहा कि वे आज भी गोविंद को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं।