इंदौर की पारंपरिक, विश्व प्रसिद्ध और ऐतिहासिक गेर को इंदौर जिला प्रशासन ने यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर( UNESCO World Heritage) में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया हैं। अब 31 मार्च को प्रशासन की टीम दिल्ली जाकर संस्कृति मंत्रालय में प्रस्ताव को सबमिट करेगी। इंदौर की इस पारंपरिक, विश्व प्रसिद्ध और ऐतिहासिक गेर के यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने से विदेशी पर्यटक इंदौर की तरफ ज्यादा आकर्षित होंगे।
आपको बता दे इस बार इंदौर में 74 साल पुरानी परम्परा का दौर वापस लौट आया था। और हर वर्ष रंगपंचमी पर निकलने वाली इंदौर की ऐतिहासिक गेर(Indore GER 2022) इस बार दुगुने हर्ष और उल्लास के साथ निकाली गई। पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण निरस्त रही गेर में इस बार इंदौर वासियों ने दुगुने हर्ष और उल्लास के साथ भाग लिया। यहां तक कि प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग इस गेर में शामिल होने के लिए इंदौर पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक़ इस वर्ष साढ़े 5 लाख से अधिक लोग गेर में शामिल हुए थे।

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इंदौर में रंगपंचमी पर गेर निकालने की परम्परा 74 साल पुरानी हैं। बताया जाता हैं कि ये परम्परा आजादी के पहले से ही चलन में हैं। खासकर होल्कर राजवंश के दौरान ये फली फूली, और आज एक परम्परा बन गई। जिसे हर वर्ष धुलेंडी के बाद रंगपंचमी पर निकाला जाता हैं। रंगपंचमी पर निकलने वाली यह गेर हर वर्ष राजवाड़ा से शुरू होती हैं और निश्चित मार्ग से होती हुई राजवाड़ा पर ही खत्म होती हैं।
इस बार इंदौर के राजबाड़ा में 2 साल बाद गेर का आयोजन हुआ। इस दौरान 5 लाख से भी अधिक लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। वहीं हमेशा सफाई में नंबर 1 आने वाले इंदौर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि इंदौर का सफाई में कोई तोड़ नहीं है। आपको बता दें कि, इंदौर नगर निगम (Indore Nagar Nigam) के स्वास्थ्य विभाग ने चुनौती स्वीकारते हुए महज 1 घंटे में पूरा राजबाड़ा चकाचक कर दिया। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अखिलेश उपाध्याय की देखरेख में राजबाड़ा क्षेत्र में चार सीएसआई और लगभग 200 सफाई मित्रों इस चुनौती को जीता।