वीरों के सम्मान में सड़कों पर उतरा सांवेर, बनेंगे भव्य “राष्ट्र शक्ति स्थल” स्मारक

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By Shivani RathorePublished On: January 24, 2022

साँवेर : देश के स्वाभिमान, अखंडता और एकता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की पुण्य प्रतापी बलिदानी परंपरा का हमारे देश में पुराना इतिहास रहा है। इसकी जड़े इतनी गहरी है कि आज भी इसकी शाखाएं लहलहा रही है। वीरों के रक्त से संचित बलिदानी भारत भूमि हमेशा से रणबांकुरों की खान रही है, जिस पर कितने ही राष्ट्रधर्म पर स्वयं को स्वाहा कर देने वाले वीर सपूतों ने जन्म लिया।

इन्हीं में शामिल है प्रदेश के प्रथम कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद गोपाल सिंह जादौन एवं ऑपरेशन मेघदूत में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद भगवान सिंह गुलिया जिन्होंने राष्ट्राय स्वाहा के ध्येय को सार्थक किया और इस देश का सुरक्षा करते हुए शहादत को प्राप्त हो गए।

साँवेर में बनेंगे शहीदों के स्मारक, राष्ट्र शक्ति स्थल का होगा निर्माण

आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक एवं स्वतंत्रता संग्राम के महानायक सुभाष चंद बोस की जयंती के अवसर पर नगर के पनौड चौराहे पर शहीद समरसता मिशन की साँवेर यूनिट ने प्रदेश के प्रथम कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद गोपाल सिंह जादौन एवं ऑपरेशन मेघदूत में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद भगवान सिंह गुलिया के बलिदान की स्मृति में दोनों वीर शहीदों के स्मारकों “राष्ट्र शक्ति स्थल” के निर्माण का भूमि पूजन कर उनकी शहादत को चिरस्थाई करने का संकल्प लिया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर ले.जनरल (जस्टिस) B.S. सिसौदिया (रिटा.), शहीद जादौन की वीरमाता जतन कुँवर, शहीद भगवान गुलिया के परिजन एवं शहीद समरसता मिशन के संस्थापक क्रांतिधर्मा मोहन नारायण जी एवं मिशन की साँवेर यूनिट के सभी साथी उपस्थित रहें।

शहीद की माता के खाते में पूरी पारदर्शिता से जुटाएंगे 15 लाख की सहयोग राशि

अभियान के संयोजक जीतू झालरिया एवं लवी सिंह गाँधी ने बताया कि स्मारकों के निर्माण के लिए जनसहयोग हेतु “वन चेक वन साईन फॉर शहीद” अभियान की औपचारिक शूरुआत की जाएगी। गौरतलब है कि इस अभियान में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जबकि सहयोग राशि केवल एकाउंट चेक या डिजिटल माध्यमों से ही प्राप्त की जाएगी। किसी भी प्रकार का नकद सहयोग नहीं लिया जाएगा। अभियान के लिए शहीद की वीर माता जतन कुँवर के नाम का बैंक में खाता खुलवाया गया है, जिसमें सीधे सहयोग राशि का संग्रहण किया जाएगा।

दिल्ली और मध्यप्रदेश सरकार दे रही है शहादत को 1 करोड़ की सम्मान राशि

मिशन के संस्थापक क्रांतिधर्मा मोहन नारायण ने बताया कि शहीद समरसता मिशन के माध्यम से उनकी देश की सरकार से मांग है कि अब तक शहीद हुए 36,000 जवानों के सर्वोच्च बलिदान के बदले उनके परिवारों को 36 हजार करोड़ रुपये की सम्मान राशि समर्पित की जाए साथ ही संसद में ये कानून पारित किया जाए कि देश के किसी भी राज्य में कोई भी सेना या अन्य किसी फोर्स में तैनात जवान या पुलिसकर्मी राष्ट्र सुरक्षा में शहीद होता है तो उसकी शहादत के सम्मान में 1 करोड़ की सम्मान राशि उसके परिवारजनों को प्राथमिकता से त्वरित रूप से मुहैया कराई जाए।

साथ ही शहीद की शहादत को आने वाली पीढ़ियों के लिए चिरस्थायी बनाने के लिए उनके पैतृक स्थानों पर उनके स्मारक स्थापित किए जाए. वहां की सरकारी ईमारतों को उनके नाम पर रखा जाए ताकि उनकी किर्ती और यश आने वाली पीढ़ी में शौर्य और राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार करें। आपको बता दे शहीद समरसता मिशन के प्रयासों से 2013 में दिल्ली और 2015 में मध्यप्रदेश सरकार ने इसे स्वीकार कर अपने राज्य के शहीद जवान के परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि देना सुनिश्चित किया है।

समरसता भारतीय सेना की ताक़त, दुनिया मानती है लोहा : ले.जनरल(जस्टिस) बी.एस. सिसोदिया (रिटा.)

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ले.जनरल बी.एस. सिसोदिया (रिटा.) ने शहीद समरसता मिशन की जमकर तारीफ़ की उन्होंने ने कहा कि निस्वार्थ भाव से शहीदों के सम्मान के लिए कार्यरत मिशन के साथ समाज और पूर्व सैनिकों को जुडना चाहिए। आप जीवन में जो भी कार्य कर रहे है वह भी देशभक्ति है लेक़िन जहन में राष्ट्रभक्ति और तिरंगे को जरूर रखें। उन्होंने सेना में समरसता के भाव का उदाहरण देकर समाज से जातिवाद से ऊपर राष्ट्र प्रथम के भाव को जीने की अपील की।

देश में अब तक शहीद हुए 36000 जवानों को सर्वोच्च सम्मान दिलाना है लक्ष्य

हर शहीद जवान के परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि सर्वोच्च सम्मान के रुप में दिलाने का पक्षधर शहीद समरसता मिशन देशभर में 14 वर्षों से कार्य कर रहा है। गौरतलब है कि मिशन के संस्थापक क्रांतिधर्मा मोहन नारायण के नेतृत्व में मिशन सेना और शहीदों के सम्मान, परिजनों की आर्थिक समस्या के समाधान, उनकी चिकित्सा, शिक्षा के लिए 2007 से देश के 10 राज्यों में सतत कार्यरत है। मिशन अपनी 28 सूत्रीय मांगों को लेकर रचनात्मक एवं आंदोलनात्मक गतिविधियां संचालित कर रहा है। जिसमें नेशनल वॉर मैमोरियल, वन रैंक वन पेंशन, शहीद के परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि का प्रावधान जैसी मांगों को अब तक आंशिक सफलता भी मिली है। मिशन का लक्ष्य है कि देश के 36000 शहीदों के लिए शहीद स्मारक “राष्ट्र शक्ति स्थल” का निर्माण किया जाएगा।

आपकों बता दे “वन चेक वन साईन फॉर शहीद अभियान” इससे पूर्व में BSF के शहीद मोहन लाल सुनेर के घर एवं स्मारक के लिए चलाया था जिसमें बढ़-चढ़ कर समाज ने सहयोग दिया था। जिसके चलते शहीद की वीरांगना राजुभाई को 2019 में 11 लाख की राशि से निर्मित सर्व सुविधायुक्त घर भेंट किया था। जबकि इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर देश का पहला राष्ट्र शक्ति स्थल का निर्माण किया जा चुका है।

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कार्यक्रम में कार्यक्रम संयोजक लवी सिंह जी गांधी,संदीप खटोड़, संदीप राव,आलोक वाजपेई, अंकित पंड्या,अभिषेक महेश्वरी, संजय धनेचा एवं बड़ी संख्या में देशभक्त नागरिक उपस्थित रहे। मंच संचालन कार्य्रकम संयोजक जीतू झालरिया ने किया जबकि आभार गोलू श्रीवास्तव ने माना।