इंदौर की भागीरथपुरा बस्ती में दूषित पानी के सेवन से चार लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जोनल अधिकारी सहित तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि जनता के स्वास्थ्य के प्रति किसी भी स्तर की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से नागरिकों के संक्रमित होने की घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए संबंधित जोनल अधिकारी जोन क्रमांक 4, सहायक यंत्री एवं प्रभारी सहायक यंत्री PHE को तत्काल प्रभाव से निलंबित एवं प्रभारी उपयंत्री PHE को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 30, 2025
भागीरथपुरा बस्ती में बुधवार को उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीजों की संख्या में और वृद्धि दर्ज की गई, जो 200 के पार पहुंच गई। बड़ी संख्या में मरीज सामने आने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई की संभावना जताई जा रही थी, जिसके संकेत नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी दिए थे। इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों से स्थिति की जानकारी लेते रहे।
मंगलवार देर रात इस प्रकरण में जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले और सहायक यंत्री योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, जबकि पीएचई के प्रभारी उपयंत्री शुभम श्रीवास्तव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गईं।
मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने एक समिति का गठन किया है, जो आईएएस नवजीवन पंवार के नेतृत्व में जांच कार्य करेगी। समिति में अधीक्षण यंत्री प्रदीप निगम और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।









