आईआईएम इंदौर द्वारा विशेष रूप से सशस्त्र बल के अधिकारियों के लिए बनाए गए सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन ग्लोबल सप्लाई चैन मैनेजमेंट के पहले बैच का समापन 3 जून, 2023 को हुआ। इस अवसर पर आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय; लेफ्टिनेंट जनरल पीएन अनंतनारायणन एवीएसएम, एसएम, कमांडेंट इन्फैंट्री स्कूल महू; प्रो. प्रशांत सलवान, डीन-प्रोग्राम्स आईआईएम इंदौर, और प्रो. ओंकार डी पलसुले देसाई, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर उपस्थित रहे।
प्रो. राय ने अपने प्रेरक संबोधन में नेटवर्किंग की शक्ति और हर किसी से और हर चीज से सीखने के लिए खुले रहने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों से नेटवर्किंग जारी रखने और विनम्रता बनाए रखने का आग्रह किया,और इस बात पर प्रकाश डाला कि शिक्षा विनम्रता की भावना उत्पन्न करती है। “आजीवन सीखते रहने की उत्सुक भावना को अपनाएं, ज्ञान की खोज करें और सुनिश्चित करें कि यह आकांक्षा मात्र इस पाठ्यक्रम तक सीमित न रहे, बल्कि हमेशा कायम रहे”, उन्होंने कहा। उन्होंने सफलता की यात्रा में केवल जुनून ही नहीं बल्कि करुणा और संवेदनशीलता के महत्व पर बल दिया।
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सच्ची सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों में ही नहीं बल्कि दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा प्रदर्शित करने में भी निहित है। “आपको कई विशेषाधिकार प्राप्त हैं, और इसलिए, प्रयास करें कि आपको दिए गए अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग करें और दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं”, उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि सफलता एक व्यक्तिपरक अवधारणा है जो समय के साथ विकसित होती है। “केवल उपलब्धियों तक सफलता को सीमित न रखें, क्योंकि जीवन की असली सुंदरता यात्रा में ही निहित है”, उन्होंने समझाया। असफलता किसी के चरित्र को नहीं दर्शाती है।
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व्यक्ति असफल तभी होता है जब वह प्रयास करना बंद कर देता है। सफलता के पथ पर आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम के साथ ही धैर्य, लचीलापन और दृढ़ता ज़रूरी है, उन्होंने कहा। लेफ्टिनेंट जनरल पीएन अनंतनारायणन ने अपने संबोधन के दौरान, आईआईएम इंदौर के प्रबंधन की प्रशंसा की, और संस्थान को देश में अग्रणी संस्थान के रूप में सराहा। उन्होंने आईआईएम इंदौर के उत्कृष्ट और अच्छी तरह से संरचित कार्यक्रमों की भी सराहना की। उन्होंने विभिन्न देशों के साथ संस्थान के सहयोग और इसके निरंतर विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आईआईएम इंदौर विशिष्ट पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के अनुरूप पाठ्यक्रम प्रदान करता है, और ग्लोबल सप्लाई चैन मैनेजमेंट का यह पाठ्यक्रम भी ऐसा ही एक उदाहरण है।”
बदलते संरेखण और उद्योगों पर राष्ट्रीय हितों के विकास के प्रभाव की चर्चा करते हुए, उन्होंने टीम वर्क के महत्व पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को एक टीम के रूप में एकजुट होकर काम करने की अपनी क्षमता पर गर्व करने के लिए प्रोत्साहित किया, क्योंकि यह कौशल सशस्त्र बलों के सदस्यों के रूप में पहले से उन्हें कुशल बनाता है। “मुझे यकीन है कि आईआईएम इंदौर के पाठ्यक्रम और सशस्त्र बल की पृष्ठभूमि के साथ, अधिकारी सशस्त्र बलों और संस्थान का नाम रोशन करेंगे, एकीकरण को बढ़ावा देंगे, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे, नवाचार में योगदान देंगे”, उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रो. हिमाँशु राय के गतिशील नेतृत्व में, उन्होंने पिछले 4 वर्षों में संस्थान में जबरदस्त सकारात्मक परिवर्तन देखा है।
उन्होंने कहा कि संस्थान के दूरदर्शी दृष्टिकोण और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण ने क्यूरेटेड पाठ्यक्रमों और पहलों के विकास को प्रेरित किया है जो सभी को सशक्त बनाते हैं और हमारे राष्ट्र के विकास में योगदान करते हैं। आईआईएम इंदौर में अब एक जीवंत शैक्षणिक वातावरण है जो रचनात्मकता को बढ़ावा देता है, नवाचार को बढ़ावा देता है, और छात्रों और शिक्षकों को समान रूप से प्रेरित करता है। ” आईआईएम इंदौर के उल्लेखनीय प्रयासों ने संस्थान को उत्कृष्टता के प्रकाश स्तंभ के रूप में स्थापित किया है, जो प्रबंधन शिक्षा के भविष्य को आकार दे रहा है और समाज पर स्थायी प्रभाव डाल रहा है”, उन्होंने कहा।
प्रो. प्रशांत सलवान ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन से जुड़ी जटिलताओं और जोखिमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रम और प्रतिभा की कमी, भौतिक कमी, मुद्रास्फीति, मंदी, ऊर्जा भंडारण और राजनीतिक बाधाओं जैसी ज्ञात चुनौतियों के अलावा, कोरोना के बाद के कई नयी समस्याएँ उपजी हैं। उन्होंने कहा, “इन चुनौतियों से निपटने और उद्योग के लिए तैयार पेशेवरों के रूप में उभरने के लिए प्रतिभागियों को आवश्यक कौशल से लैस करना महत्वपूर्ण है। हमने सुनिश्चित किया है कि पाठ्यक्रम आपूर्ति श्रृंखला उद्योग में अधिकारियों को गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करे।”
आयोजन के दौरान, प्रो. देसाई ने अधिकारियों को हार्दिक बधाई दी। यह पाठ्यक्रम सशस्त्र बलों के कर्मियों के अमूल्य योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है, जो उनके आत्म-अनुशासन, साहस और असाधारण नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते हैं। प्रौद्योगिकी संचालित युग की मांगों के अनुरूप, यह पाठ्यक्रम सीखने का अनुभव प्रदान करता है जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की पेचीदगियों पर केंद्रित है। व्यावहारिक ज्ञान के साथ सैद्धांतिक ज्ञान का संयोजन, यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को आज के वैश्विक और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजारों की जटिलताओं से निपटने के लिए तैयार करता है, जिससे उन्हें अपने पेशेवर प्रयासों में नवाचार और समस्या सुलझाने के कौशल लाने में मदद मिलती है। इस अवसर पर वायु सेना (17), सेना (08), और नौसेना (29) से कुल 49 सशस्त्र बल अधिकारियों (09 महिलाएं और 40 पुरुष) के साथ पहले बैच का समापन हुआ और उन्हें प्रमाण पत्र दिए गए।
Source : PR