MP के इस जिले में कलेक्टर की अनोखी पहल, बेटियों को मिलेगा फ्लैट

इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने अनाथ आश्रम में रहने वाली 22 बालिग बच्चियों के लिए सीएसआर फंड से फ्लैट दिलाने का वादा किया है, ताकि उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन मिल सके। इसके अलावा, बाल कल्याण समिति की बैठक में सुरक्षा, शिक्षा और प्रशिक्षण से जुड़ी कई योजनाओं पर भी चर्चा की गई।

Srashti Bisen
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Indore News : इंदौर के अनाथ आश्रम में रहने वाली 22 बच्चियों को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया था, क्योंकि 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद उन्हें आश्रम में रहने की पात्रता नहीं रहती। इस संकट के समाधान के लिए इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने एक अभिनव कदम उठाया।

उन्होंने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड से इन बच्चियों के लिए फ्लैट दिलाने की घोषणा की। इसके अलावा, जरूरत पड़ी तो दानदाताओं की मदद भी ली जाएगी।

कलेक्टर ने दिखाई संवेदनशीलता 

बीते दिन कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे, जहां यह मामला सामने आया कि अनाथ आश्रम में रहने वाले 43 बच्चों में से 22 बच्चियां बालिग हो चुकी हैं, और अब उनके सामने रहने की कोई जगह नहीं थी। कलेक्टर ने इस मुद्दे पर तुरंत निर्णय लेते हुए इन बच्चियों को फ्लैट दिलाने का वादा किया, ताकि वे सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

सुरक्षा और विकास के लिए कड़े कदम

बैठक के दौरान, कलेक्टर ने विभिन्न सुरक्षा उपायों और योजनाओं पर भी चर्चा की। इनमें प्रमुख निर्णय थे:

  • मानसिक रोगी माता-पिता के बच्चों को लीगल फ्री करने की योजना: ताकि उन्हें गोद लिया जा सके। इसके लिए मेडिकल बोर्ड गठित किया जाएगा।
  • किशोर न्याय संस्थाओं में सुरक्षा और प्रशिक्षण: इन संस्थाओं में रहने वाले बच्चों के लिए बेहतर शिक्षण, प्रशिक्षण और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की जाएगी।
  • सुरक्षा के लिए गार्ड और सीसीटीवी कैमरे: छात्रावासों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गार्ड की नियुक्ति और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाएगी।

CSR फंड से होगा विकास कार्य

इसके अलावा, कलेक्टर ने बताया कि सीएसआर फंड से अब तक एक करोड़ रुपये से अधिक के काम संस्थाओं में कराए जा चुके हैं, और आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा ताकि बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सके।