इंदौर के विजय नगर क्षेत्र स्थित बीसीएम हाइट्स के पीछे एक मंदिर परिसर में हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में भागवत कथा और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान भगवा झंडे लगाए गए थे, लेकिन आयोजन के कुछ दिन बाद नगर निगम कर्मचारियों द्वारा इन्हें हटाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया।
स्थानीय रहवासी और हिंदू संगठनों ने नगर निगम की इस कार्रवाई पर गहरा आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के निगम कर्मियों ने मंदिर परिसर से झंडे हटाए, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से भी हो चुकी है। नाराज लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि झंडे वापस उसी स्थान पर नहीं लगाए गए तो वे नगर निगम का घेराव करेंगे।

सीएसआई पर लगाया गया झंडे हटवाने का आरोप
हिंदू संगठनों के नेताओं मानसिंह, कृष्णा वाघ और राजावत ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कार्यवाही जोनल अधिकारी के निर्देश पर की गई और सीएसआई वीरेंद्र चौहान की निगरानी में झंडे हटवाए गए। उनका कहना है कि भगवा झंडा सिर्फ एक रंग नहीं, बल्कि हिंदू धर्म और संस्कृति की आत्मा है। उसे हटाया जाना धार्मिक भावनाओं का अपमान है और पूरी तरह अस्वीकार्य है।
इस पूरे घटनाक्रम पर सफाई देते हुए जोनल अधिकारी शिवलाल यादव ने कहा कि यह सब एक गलतफहमी का परिणाम था। उनके अनुसार, नगर निगम के निचले स्तर के कर्मचारियों और एनजीओ के बीच समन्वय की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने तुरंत मौके पर जाकर स्थिति को संभाला और झंडों को दोबारा लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सार्वजनिक रूप से मांगनी होगी माफी
हालांकि, हिंदू संगठनों ने निगम की सफाई को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि केवल सफाई से काम नहीं चलेगा, अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी और झंडों को ठीक उसी स्थान पर पुनः स्थापित करना होगा। अन्यथा, आंदोलन की चेतावनी दी गई है।