इंदौर संभाग में पराली जलाने पर लगेगी रोक, NDRF और पुलिस को मिली जिम्मेदारी, संभागायुक्त ने दिए निर्देश

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By Abhishek SinghPublished On: September 4, 2025

इंदौर संभाग में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए संभागायुक्त दीपक सिंह ने नया तंत्र विकसित करने की शुरुआत की है। इस व्यवस्था में एनडीआरएफ, पुलिस और वन विभाग को अहम जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।


एकजुट होकर होगा समस्या का समाधान

इस योजना के तहत एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ वन विभाग की आग नियंत्रण तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस विभाग और पंचायत विभाग भी अहम भूमिका निभाएंगे। सभी विभागों को समन्वित करने के लिए जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) स्थापित किया जाएगा।

बैठक में हुए बड़े फैसले

बुधवार को हुई बैठक में संभागायुक्त सिंह ने डिविजन कमांडेंट होमगार्ड बी.पी. वर्मा को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल जागरूकता अभियान पर्याप्त नहीं होंगे, बल्कि ऐसी तकनीक और ठोस व्यवस्था विकसित करनी होगी जिससे पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह नियंत्रण किया जा सके।

समिति लेगी तैयारियों का जायजा

पराली प्रबंधन के लिए एक विशेष समिति गठित की जाएगी, जो हार्वेस्टर से की जाने वाली फसल कटाई, हैप्पी सीडर और सुपर सीडर की उपलब्धता तथा पिछले वर्षों की सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण करेगी। इसके साथ ही सभी जिलों के कलेक्टरों को अलग-अलग विशेष कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए जाएंगे।

कंट्रोल रूम कनेक्टिविटी से बढ़ेगी कार्यक्षमता

संभागायुक्त सिंह ने संयुक्त संचालक कृषि आलोक मीणा से कहा कि इंदौर में हार्वेस्टर के अधिक उपयोग से बड़ी मात्रा में पराली शेष रह जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ और वन विभाग के दल को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा उन्हें कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी सेवाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।