इंदौर. भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने मुंबई में कार्यकारी अधिकारियों के लिए स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपीएमएक्स) के 19वें बैच का स्वागत किया। बैच का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने किया। इस बैच में 35 प्रतिभागियों (07 महिलाएं, 28 पुरुष प्रतिभागी) ने पंजीकरण के साथ एक समृद्ध और परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत की है। इस अवसर पर पीजीपीएमएक्स के चेयर प्रो. मीत वछराजानी भी उपस्थित थे।
अपने वक्तव्य में प्रो. हिमाँशु राय ने असफलता के प्रति आम नकारात्मक धारणा की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि हमें असफलता से डरना नहीं चाहिए बल्कि सीखने की प्रक्रिया के एक अनिवार्य हिस्से के रूप में इसे अपनाना चाहिए।
उन्होंने नए बैच को निडर मानसिकता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, “हमें असफलता को एक पराजय के रूप में नहीं बल्कि सफलता की सीढ़ी के रूप में देखना चाहिए।” उन्होंने विश्व स्तरीय शैक्षणिक मानकों के प्रति आईआईएम इंदौर की प्रतिबद्धता और निरंतर सीखने के महत्व पर गहराई से चर्चा की।उन्होंने सलाह दी, “हमारी फैकल्टी ज्ञान से परिपूर्ण हैं, और हमारा मानना है कि ज्ञान का प्रवाह सभी दिशाओं से होना चाहिए। अतः इस निरंतर बदलाव वाली दुनिया में, ज्ञान और नवाचार में आगे रहने के लिए निरंतर सीखने, पुराना जो भी सीखा है उसे भूल कर फिर से नया सीखने के लिए खुली मानसिकता होना सर्वोपरि है।”
![आईआईएम इंदौर-मुंबई कैंपस में हुई PGPMX के 19वें बैच की शुरुआत कार्यक्रम में प्रो.हिमाँशु राय ने कहा हमें असफलता को पराजय नहीं सफलता की सीढ़ी के रूप में देखना चाहिए](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2023/07/ghamasan-29870674.jpg)
प्रो. राय ने सामाजिक रूप से जागरूक प्रबंधकों और उद्यमियों को तैयार करने के आईआईएम इंदौर के मिशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “सामाजिक समस्याओं की पहचान करने से परे, हम नवीन समाधान खोजने की दिशा में भी सक्रिय रूप से काम करते हैं।” “मैं इस बैच के सभी प्रतिभागियों को इस क्रांतिकारी परिवर्तन का हिस्सा बनने के अवसर का लाभ उठाने और समाज कल्याण में योगदान करने के लिए अपने ज्ञान का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।” उन्होंने नए बैच से करुणा, लचीलेपन और धैर्य के साथ नेतृत्व करने का आग्रह किया। “हमेशा अपने दिल और दिमाग को खुला रखें, और उस दुनिया को बनाने का प्रयास करें जिसकी आपने अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए कल्पना की है।
![आईआईएम इंदौर-मुंबई कैंपस में हुई PGPMX के 19वें बैच की शुरुआत कार्यक्रम में प्रो.हिमाँशु राय ने कहा हमें असफलता को पराजय नहीं सफलता की सीढ़ी के रूप में देखना चाहिए](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2025/02/GIS_5-scaled-e1738950369545.jpg)
अपने आस-पास के लोगों के प्रति दयालु और संवेदनशील बने रहें, और अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग उन लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए करें जो कम विशेषाधिकार प्राप्त हैं। सार्थकता की यह भावना आपकी उपलब्धियों को और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर के पाठ्यक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा हर पाठ्यक्रम देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया जाता है। “पीजीपीएमएक्स प्रतिभागियों को उन कौशल से लैस करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है जिनकी देश को एक गतिशील व्यावसायिक परिदृश्य में प्रगति करने के लिए आवश्यकता होती है”, उन्होंने कहा।
प्रो. मीत वछराजानी ने पीजीपीएमएक्स द्वारा प्रदान किए जाने वाले समग्र विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह पाठ्यक्रम न केवल आपके पेशेवर कौशल को विकसित करता है बल्कि आपके व्यक्तित्व को आकार देता है और आपके दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है।” उन्होंने कहा, “जिज्ञासू बने रहें और बौद्धिक विकास और व्यक्तिगत उपलब्धियों को प्राप्त करने के लिए आजीवन सीखते रहें।”