अनंत चतुर्दशी के अवसर पर इंदौर की सड़कों पर धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत संगम देखने को मिला। शनिवार रात से शुरू हुआ चल समारोह सुबह तक जारी रहा। इस दौरान शहर की गलियों और मुख्य मार्गों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। बच्चे, युवा और बुजुर्ग – सभी इस ऐतिहासिक परंपरा के साक्षी बने।
झांकियों की झिलमिल रोशनी ने खींचा ध्यान
इस साल चल समारोह में कुल छह मिलों की 16 झांकियां और चार संस्थाओं की 12 अन्य झांकियां शामिल हुईं। सबसे आगे खजराना गणेश मंदिर की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी। भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा रोशनी और सजावट से ऐसी दमक रही थी कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। अन्य झांकियों में धार्मिक प्रसंग, पौराणिक कथाएं और सामाजिक संदेश भी बड़े ही सुंदर अंदाज में प्रस्तुत किए गए।
अखाड़ों के करतबों से गूंजा माहौल
चल समारोह में 32 अखाड़ों के समूह भी शामिल हुए। उन्होंने पारंपरिक शस्त्रकला, तलवारबाजी और लाठी-काठी के करतब दिखाकर लोगों को रोमांचित कर दिया। बच्चों और युवाओं का उत्साह देखते ही बनता था। छोटे-छोटे कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। हर झांकी के साथ अखाड़ों के करतब इस आयोजन को और भव्य बनाते रहे।
सैनिकों के सम्मान में विशेष झांकी
कल्याण मिल की झांकी इस बार खास चर्चा में रही। इस झांकी में भारतीय सैनिकों की वीरता और पराक्रम को दर्शाया गया। दर्शकों ने झांकी के सामने खड़े होकर तालियां बजाईं और देशभक्ति के नारे लगाए। इस झांकी ने हर किसी को सैनिकों के त्याग और साहस की याद दिलाई।
मां कालका के रूप में 10 साल की बच्ची
इस चल समारोह का एक बड़ा आकर्षण रही 10 वर्षीय लावण्या पवार। वह मां कालका के वेश में झांकी पर नजर आई। छोटे से रूप में देवी का आभामंडल देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कई लोग झांकी रुकवाकर बालिका का आशीर्वाद लेते नजर आए।
देशभक्ति गीतों से गूंजा समारोह
प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बने। श्रम शिविर के पास उनकी मौजूदगी में वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो गया। उन्होंने झांकी पर खड़े होकर गीत “दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है” गाकर लोगों का उत्साह दोगुना कर दिया। उनके साथ मौजूद कार्यकर्ता और श्रद्धालु देशभक्ति गीतों पर झूम उठे।