अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इंदौर के राजवाड़ा में दिखा अद्भुत नजारा, सिंधिया ने कहा- योग के क्षेत्र में इतिहास रच रहा इंदौर

इस दौरान इंदौर के राजवाड़ा में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। छोटे बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक सभी ने योग में भाग लिया और "योग करिए निरोग रहिए" का संदेश अपने आचरण से दिया।

Kalash Tiwary
Kalash Tiwary
Published:

International Yoga Day in Indore : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर इंदौर में एक अनोखा और भव्य आयोजन देखने को मिला है। इस बार आयोजन शहर के ऐतिहासिक स्थल राजवाड़ा में किया गया। राजवाड़ा में सुबह से ही योग की ऊर्जा और उमंग की लहर बहने लगी थी। ऐतिहासिक और स्वास्थ्य का संगम बना यह आयोजन इंदौर वासियों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया है।

कार्यक्रम की शुरुआत इंदौर की गौरवशाली परंपरा को नमन करते हुए लोक माता अहिल्यादेवी होल्कर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के साथ हुई थी। इसके बाद मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक महेंद्र हार्डियाm रमेश मेंदोला सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने एक साथ योग अभ्यास करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।

सिंधिया ने कहा- योग के क्षेत्र में इतिहास रच रहा इंदौर

इस दौरान केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि योग के क्षेत्र में इंदौर इतिहास रच रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंधिया ने योग के महत्व भी बताएं और सभी से एक-एक पेड़ लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पेड़ ऑक्सीजन देते हैं। ऑक्सीजन मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी है।ऐसे में सभी लोग एक-एक पेड़ अवश्य लगाए।

योग हमारी परंपरा- कैलाश विजयवर्गीय

मध्य प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री के कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि योग हमारी परंपरा है। ऋषियों का महा प्रताप है। पीएम मोदी वसुदेव कुटुंबकम कहते हैं। हमारे देश के लिए ऋषि मुनि का प्रचार उन्होंने दुनिया में किया है। इसलिए योग आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का काम करता है। योग के सभी चरण मनुष्य के लिए कल्याणकारी हैं। ऐसे में विश्व के कल्याण के लिए योग बेहद ही अच्छा मार्ग है।

इंदौर के राजवाड़ा में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। छोटे बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक सभी ने योग में भाग लिया और “योग करिए निरोग रहिए” का संदेश अपने आचरण से दिया। जैसे-जैसे सूरज की कितनी राजवाड़ा की पुरातन दीवारों पर पड़ी, वैसे-वैसे वातावरण में ऊर्जा अनुशासन और समर्पण की भावना स्पष्ट होती गई।

राजवाड़ा की ऐतिहासिकता के बीच यह आयोजन सिर्फ एक स्वास्थ्य पहल नहीं बल्कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति, सांस्कृतिक गरिमा और वैश्विक नेतृत्व का प्रमाण बना।