मुंबई से इंदौर लौट रही एक युवती के साथ हंस ट्रेवल्स की बस में हुई गंभीर छेड़छाड़ प्रकरण में पुलिस ने ड्राइवर और क्लीनर को हिरासत में लिया था। शुक्रवार को बड़वानी कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके बावजूद इस घटना का मुख्य आरोपी किशोर सिंह अब भी फरार है। यह मामला सामान्य छेड़छाड़ का नहीं, बल्कि चलती बस में युवती के साथ की गई अश्लील हरकतों और विरोध करने पर अन्य यात्रियों को धमकाने से जुड़ा है। इस पूरे घटनाक्रम में पीड़िता की मां का साहस निर्णायक साबित हुआ, जिन्होंने आधी रात बेटी का कॉल मिलने पर स्वयं कार चलाकर सेंधवा टोल नाके तक पहुंचकर आरोपियों को पकड़वाने में मदद की।
यात्रियों को भी दी धमकी
युवती के घबराने पर जब उसने बस में मौजूद अन्य यात्रियों से सहायता की गुहार लगाई, तो एक यात्री ने आरोपियों को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन उन्होंने उसे उलटा धमका दिया। लगातार बढ़ती हरकतों से परेशान होकर युवती ने अंततः घबराते हुए इंदौर में अपनी मां को फोन कर पूरी स्थिति बताई।
ये है पूरा मामला
यह घटना 6 नवंबर की है। इंदौर निवासी एक युवती, जो मुंबई में एनिमेटर के पद पर कार्यरत है, गोरेगांव से हंस ट्रेवल्स की बस (AR-11 D-1919) से इंदौर लौट रही थी। रात करीब 11:30 बजे बस कसारा फूड स्टॉप पर रुकी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसी दौरान हंस ट्रेवल्स के ही एक अन्य ड्राइवर के अनुरोध पर बस ड्राइवर ने सरदार किशोर सिंह नाम के व्यक्ति को वाहन में बैठा लिया। बस के आगे बढ़ते ही किशोर सिंह ने अपर बर्थ पर लेटी युवती पर अभद्र टिप्पणियां करना शुरू कर दिया। आरोप है कि ड्राइवर और क्लीनर ने उसे रोकने के बजाय उसका साथ दिया और इस दौरान हंसते रहे।
माँ ने दिखाई हिम्मत
बेटी का फोन मिलते ही माँ ने तत्काल साहस दिखाया। उन्होंने बेटी को आश्वस्त करते हुए कहा, “तुम चिंता मत करना, मैं अभी कार लेकर निकल रही हूँ। बस को सेंधवा टोल नाके पर रुकवाना।” इसके बाद माँ परिवार के साथ तुरंत सेंधवा के लिए रवाना हुईं और मार्ग में ही स्थानीय पुलिस को सूचना भी दे दी। करीब साढ़े तीन घंटे का सफर तय करने के बाद 7 नवंबर की सुबह वे सेंधवा टोल नाके पर पहुँच गए। सुबह 7 बजे जैसे ही बस वहाँ पहुँची, परिवार ने युवती को सुरक्षित नीचे उतारा। इसी दौरान आरोपी युवक, ड्राइवर और क्लीनर भी बस से बाहर आए।
युवती ने माँ को बताया कि किशोर सिंह नामक युवक ने उसके साथ अश्लील हरकतें की थीं। यह सुनकर ड्राइवर माफी माँगने लगा, जबकि मुख्य आरोपी नशे की हालत में था और परिवार से उलझने लगा। इसके बाद परिवार ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया और बेटी को लेकर इंदौर वापस लौट आया।










