गाँधी हॉल पर खर्च हुए 20 करोड़ फिर भी हो रहा बदहाल, अब पर्यटन विभाग को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी

गांधी हॉल के रखरखाव में लापरवाही के चलते 20 करोड़ की मरम्मत के बावजूद यह फिर जर्जर हो गया है। अब इसे पर्यटन विभाग को सौंपकर संग्रहालय और ओपन रेस्त्रां के रूप में विकसित करने की योजना है।

Abhishek Singh
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इंदौर का गांधी हॉल एक बार फिर संवरने की कगार पर है। पांच साल पहले इस ऐतिहासिक भवन को नया जीवन देने के लिए 20 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में यह दोबारा जर्जर होने लगा। अब नगर निगम इसे पर्यटन विभाग को सौंपने की योजना बना रहा है, ताकि इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके। यहां एक संग्रहालय और ओपन रेस्त्रां स्थापित करने की योजना भी तैयार की जा रही है। हालांकि, यह कदम उसी समय उठाया जाना चाहिए था जब इसका पुनरुद्धार किया गया था।

वर्ष 2021 में नगर निगम ने गांधी हॉल को निजी एजेंसी के हवाले करने की योजना बनाई थी, लेकिन राजनीतिक विरोध के चलते उस निर्णय को वापस लेना पड़ा। अब साढ़े तीन साल बाद एक बार फिर इस ऐतिहासिक धरोहर की ओर ध्यान दिया जा रहा है। इसे पर्यटन विभाग को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गांधी हॉल शहर के मध्य में स्थित है और होलकर काल की इस इमारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ लगे 20 एकड़ में फैले उद्यान को भी नए रूप में विकसित करने की योजना है। वर्तमान में नगर निगम इसे आयोजनों के लिए 15,000 रुपये प्रतिदिन के किराये पर देता है।

पर्यटन विभाग के प्रबंध संचालक इलैया टी. राजा ने कहा कि गांधी हॉल एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण धरोहर है। इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

दरवाजे-खिड़कियां टूटीं, परिसर बना नशाखोरी का अड्डा

गांधी हॉल का जीर्णोद्धार उसकी पारंपरिक संरचना को ध्यान में रखकर किया गया था। सबसे पहले छत पर वॉटरप्रूफिंग की गई, इसके बाद लकड़ी की छत को पुराने स्वरूप में दोबारा तैयार किया गया। राजवाड़ा स्थित बड़ी घड़ी की भी मरम्मत कर उसे बदला गया था। हालांकि, उचित देखरेख के अभाव में खिड़कियां और दरवाजे धीरे-धीरे टूटने लगे। सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे तक चोर उड़ा ले गए।

गांधी हॉल परिसर में एक पार्किंग क्षेत्र और छत पर रेस्टोरेंट विकसित करने की योजना के तहत निर्माण कार्य हुआ था, लेकिन समय के साथ वह इलाका असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया।