इंदौर नगर निगम घोटाला: एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की आशंका, पूर्व विधायक ने CM को लिखा पत्र, की ये मांग

Deepak Meena
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इंदौर : नगर निगम में फर्जी बिलों और फाइलों के जरिए हुए घोटाले का आकार जैसे-जैसे जाँच हो रही है उस तरह ही लगातार बढ़ रहा है। शुरुआती जांच में जहां 28 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था, वहीं अब यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये के पार जा चुका है। बता दें कि, इस पूरे मामले को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने इस घोटाले के 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बड़े होने की आशंका व्यक्त की है।

नेमा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में क्या कहा?

नेमा ने अपने पत्र में कहा है कि यह घोटाला जितना सीधा दिख रहा है उतना नहीं है। पुराने हिसाब की जांच की जाए तो यह 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बड़ा निकलेगा। इसमें कई पुराने अधिकारी भी जांच के दायरे में आएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की बारीकी से जांच करवाने की मांग की है।

क्या कर रहे हैं नगर निगम के अधिकारी?

नगर निगम के अधिकारी विशेष जांच दल द्वारा मांगी गए दस्तावेज जुटाने में लग गए हैं। निगमायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द दस्तावेज और जानकारी विशेष जांच दल को उपलब्ध करवा दें।

कब सामने आया था यह घोटाला?

यह घोटाला 16 अप्रैल को सामने आया था जब नगर निगम के ड्रेनेज विभाग के एक अधिकारी ने 5 फर्मों और उनके संचालकों पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। शुरुआती जांच में पता चला था कि इन फर्मों ने 20 फर्जी बिल बनाकर 28 करोड़ रुपये का भुगतान हासिल करने की कोशिश की थी। जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्मों को 3 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान भी हो चुका था।

अब तक क्या हुआ?

जांच के दौरान पता चला कि फर्मों ने 107 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पेश किए थे और उन्हें 81 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान भी हो चुका है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी ने नगर निगम के कई अधिकारियों से पूछताछ भी की है।

इस घोटाले की वजह से नगर निगम पर बड़ा बवाल मचा हुआ है। विपक्ष ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संभावना है कि इस घोटाले में कई बड़े अधिकारी और नेता फंस सकते हैं। फ़िलहाल एसआईटी इस मामले की गहन जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।