कांग्रेस नेता राहुल गाँधी इन दिनों भारत जोड़ों यात्रा को लेकर मध्य प्रदेश आये हुए। जहाँ बीतें दिन उन्होंने ृश्यट्रिया स्वयं संघ पाषाण साधा साथ ही टंट्या मामा और आदिवासी जनजाति को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा। जिसके बाद आज इंदौर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता उनके खिलाफ FIR की मांग को लेकर थाने पहुंचे।
भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ऐतिहासिक तथ्यों में तोड़ मरोड़ करके राष्ट्र के प्रति समर्पित और संकल्पित विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खिलाफ मिथ्या प्रचार कर, संघ को बदनाम कर मेरी और असंख्य स्वयंसेवकों की भावनाएं आहत करने और माता शबरी और टंट्या मामा के वंशज वनवासी भाई बहनों को भड़काने वाले राहुल गांधी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जाए।
आवेदक सुमित मिश्रा का कहना है कि जब बीतें दिन विभिन्न चैनल्स पर इसका समाचार आया था। आज जब मैंने इसकी खबरे देखी और चैनलों पर राहुल गांधी का भाषण सुना तो मुझे बहुत गहरा सदमा लगा। राहुल गांधी नामक इस अल्पज्ञ नेता ने अपने भाषण में जान बूझकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जैसे राष्ट्रभक्त संगठन को बदनाम करने की नियत से ये झूठा आरोप लगाया कि संघ ने राष्ट्र पुरुष टंट्या मामा और भगवान बिरसा मुंडा को फांसी पर चढ़ाने में अंग्रेजों की मदद की थी जबकि ऐतिहासिक सत्य ये है कि अंग्रेजों ने राष्ट्र पुरुष टंट्या मामा को सन 1889 में और भगवान बिरसा मुंडा को सन 1900 में फांसी दी थी जबकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना इसके 25 वर्ष बाद सन 1925 में हुई थी।
लेकिन सच्चाई ये है की राष्ट्र के निर्माण में, देश में आए किसी भी संकट काल में आपदा और विपदा में आरएसएस की भूमिका अविस्मरणीय रही है। 1948 में कश्मीर में कबाइलियों के हमले के दौरान संघ के स्वयं सेवक सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे। बाढ़, भूकंप या किसी भी प्राकृतिक आपदा में संघ भारत के। संकट मोचक की भूमिका निभाता रहा है।
62 में चीन के साथ हुए युद्ध में RSS ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. युद्ध के दौरान RSS के स्वयंसेवक सैनिकों को रसद और मेडिकल सेवाएं पहुंचाने में लगे थे. RSS ने तो यहां तक ऐलान कर दिया था कि यदि सरकार इजाजत दे तो उसके स्वयंसेवक सीमा पर दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए भी तैयार हैं। युद्ध में RSS के समर्पण भाव को देखते हुए देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री और इसी राहुल गांधी के नानाजी जवाहरलाल नेहरू ने RSS को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का न्यौता दिया था।
राहुल गांधी ने ये कथन जान बूझकर संघ की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए दिया है। उनके इस मिथ्या कथन से मेरे जैसे करोड़ों स्वयं सेवकों की भावनाएं आहत हुई है। राहुल गांधी ने ये पहली बार नहीं किया है। इसके पहले भी वे संघ को बदनाम करने का षडयंत्र रचते रहे है ऐसे ही एक मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें संघ से माफी मांगने का निर्देश दिया था इस समाचार की कटिंग भी इस आवेदन के साथ संलग्न है।
राहुल गांधी इसके पहले संघ के स्वयंसेवक और भारत के प्रधानमंत्री को बदनाम करने का षड्यंत्र रच चुके है उस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें माफी मांगने के निर्देश दिए थे। बाद में राहुल ने माफी भी मांगी थी। इसके समाचार भी संलग्न है। इससे स्पष्ट है कि राहुल गांधी जान बूझकर बार बार राष्ट्र निर्माण में संकल्पित आरएसएस को बदनाम करने का षडयंत्र रचते है। उनके खिलाफ जल्द से जल्द वैधानिक कार्रवाई की जाएँ I