मध्य प्रदेश क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आउटसोर्स कर्मचारी पहले से ही कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे थे, लेकिन अब कंपनी ने उन पर एक और बोझ डाल दिया है। हाल ही में कंपनी द्वारा लगभग 10 हज़ार कर्मचारियों के तबादले कर दिए गए हैं। इनमें लाइन अटेंडेंट, सब स्टेशन ऑपरेटर और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे पद शामिल हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में तैनात कर्मचारियों को 10 से लेकर 80 किलोमीटर तक दूर स्थानों पर भेजा गया है। इस निर्णय से कर्मचारियों के बीच चिंता और असमंजस का माहौल बन गया है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच और इंदौर के श्रम आयुक्त द्वारा जारी लिखित आदेशों के बावजूद, मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी ने लगभग 10 हज़ार कर्मचारियों को अब तक 11 महीने का लंबित एरियर भुगतान नहीं किया है। आदेश जारी हुए तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन कंपनी की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके विपरीत, कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर तबादले कर उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से और अधिक दबाव में डाल दिया गया है। बिजली विभाग के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर दो-तीन दिनों में ट्रांसफर की यह कार्यवाही देखी गई है।
