पर्यटकों के लिए खुशखबरी! एमपी में तैयार हुए 241 शानदार होम-स्टे, मिलेगा देसी ठाट के साथ लग्जरी अनुभव

मध्यप्रदेश सरकार ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य को पर्यटन में अग्रणी बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 241 होम-स्टे का लोकार्पण किया और 1000 होम-स्टे विकसित करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, वेलनेस, मेडिकल टूरिज्म और पर्यटन विकास के लिए कई महत्वपूर्ण साझेदारियां की गई हैं।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से देश में अग्रणी बनाने की ठोस तैयारी शुरू कर दी है। इस दिशा में खासतौर पर ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में “ग्रामीण रंग पर्यटन संग” नामक राज्यस्तरीय उत्सव का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया।

इस कार्यक्रम में प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता, पारंपरिक जीवनशैली और पर्यटन की संभावनाओं को सामने लाने की कोशिश की गई।

होम-स्टे: ‘अतिथि देवो भवः’ की भावना को साकार करता प्रयास

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में होम-स्टे संस्कृति को बढ़ावा देना भारतीय परंपरा की भावना ‘अतिथि देवो भवः’ को जीवंत बना रहा है। पर्यटक इन होम-स्टे में न केवल आरामदायक आवास का अनुभव करते हैं, बल्कि स्थानीय रहन-सहन, खान-पान और संस्कृति से भी परिचित होते हैं। इसी भावना के साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विकसित 241 आलीशान होम-स्टे का वर्चुअल लोकार्पण किया। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में 1000 होम-स्टे विकसित किए जाएं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित हों और स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिले।

पर्यटन के साथ वेलनेस और मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार वेलनेस और मेडिकल टूरिज्म को भी पर्यटन का अभिन्न अंग बना रही है। अब प्रदेश आने वाले पर्यटकों को न केवल धार्मिक व वन्यजीव पर्यटन मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ी अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इससे न केवल पर्यटन का दायरा बढ़ेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

पर्यटन विकास के लिए रणनीतिक साझेदारियां

इस कार्यक्रम में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण एमओयू (समझौता ज्ञापन) भी किए गए। सिग्निफाइंग और एमपी टूरिज्म बोर्ड के बीच 61 गांवों में एलईडी और सोलर लाइट लगाने के लिए समझौता हुआ। वहीं, स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी और पर्यटन बोर्ड के बीच फिल्म निर्माण और डिजिटल प्रमोशन के लिए एमओयू हुआ। इसके अलावा एमपीएसईडीसी और टूरिज्म बोर्ड के बीच भी एक महत्वपूर्ण साझेदारी की गई।

ग्रामीण पर्यटन: परंपरा, प्रकृति और संस्कृति का संगम

पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेंद्र लोधी ने बताया कि वर्ष 2023 में प्रदेश में 13 करोड़ 41 लाख से अधिक पर्यटक आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 121 गांवों में 241 शानदार होम-स्टे तैयार किए गए हैं, और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। बांधवगढ़, कान्हा और पेंच जैसे प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास बने इन होम-स्टे में पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश, पारंपरिक भोजन, लोक संगीत और सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद लेने का अवसर मिलता है। इससे न केवल स्थानीय समुदाय सशक्त हो रहा है, बल्कि पर्यटक भी एक यादगार अनुभव लेकर लौटते हैं।

सशक्त गांव, समृद्ध पर्यटन

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कार्यक्रम में ‘रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन’ की भूमिका को रेखांकित किया, जिसके तहत स्थानीय संसाधनों और संस्कृति के संरक्षण के साथ-साथ सतत पर्यटन विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर, भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी और ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।