मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद अब देश और विदेश के श्रद्धालुओं व पर्यटकों का ध्यान तेजी से चित्रकूट की ओर आकर्षित हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए श्रीराम पथ गमन, परिक्रमा पथ और श्रीराम राजा लोक जैसी प्रमुख धार्मिक परियोजनाओं को भव्यता और उत्कृष्टता के साथ पूरा किया जाना चाहिए।
सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। सभी विभाग आपसी तालमेल और सहयोग के साथ तय समयसीमा में योजनाओं को पूर्ण करें। बैठक में चित्रकूट और ओरछा से जुड़ी धार्मिक व पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट केवल धार्मिक पर्यटन का केंद्र ही नहीं है, बल्कि यहां मेडिकल टूरिज्म की भी असीम संभावनाएं मौजूद हैं। इसके लिए उच्च स्तरीय हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किया जाए, जिससे आगंतुकों को सामान्य उपचार से लेकर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं सहज रूप से उपलब्ध हो सकें।
अधिकारियों को समयबद्ध कार्य पूरा करने के निर्देश
उन्होंने यह भी कहा कि चित्रकूट का विकास केवल निर्माण कार्यों तक सीमित न रहे, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आधुनिक सुविधाओं का सम्मिलित अनुभव कर सकें। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि कार्य समय पर पूरे हों और चित्रकूट को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर भी नई पहचान मिले।
चित्रकूट में 64.77 करोड़ की धार्मिक व पर्यटन परियोजनाएँ
बैठक में संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के अपर मुख्य सचिव शिव शुक्ला ने जानकारी दी कि स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत चित्रकूट में विभिन्न परियोजनाओं पर 64.77 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इसमें कामदगिरि परिक्रमा पथ के विकास पर 36.84 करोड़ रुपये, चित्रकूट क्षेत्र में 27.21 करोड़ रुपये और अन्य स्मारक कार्यों पर 72 लाख रुपये का प्रावधान शामिल है।
इसी तरह ओरछा में श्रीराम राजा लोक निर्माण के प्रथम और द्वितीय चरण सहित कुल सात परियोजनाओं पर 239.87 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से कार्य प्रगति पर हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि श्रीराम पथ गमन क्षेत्र के समग्र विकास हेतु सरकार ने श्रीराम पथ गमन न्यास का गठन किया है। इसमें कुल 33 सदस्य होंगे, जिनमें 28 पदेन सदस्य और 5 अशासकीय सदस्य शामिल हैं। अशासकीय सदस्य वे विद्वान होंगे जो श्रीराम के जीवनकाल से संबंधित शोध कार्यों से जुड़े हैं। साथ ही, पांच विशेषज्ञों की नियुक्ति भी इस न्यास में की जाएगी।
अमरकंटक और पन्ना में भी विकास कार्य
पर्यटन विभाग ने जानकारी दी कि अमरकंटक में भारत सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत 50 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य पूरे किए जा चुके हैं। इन परियोजनाओं का संचालन स्थानीय निकायों और ट्रस्ट समितियों को सौंपा जाएगा।
कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर 36.84 करोड़ रुपये, पन्ना जिले के बृहस्पति कुंड पर 7.96 करोड़ रुपये तथा कैंटिलीवर ग्लास ब्रिज पर कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा सतना स्थित सरभंग आश्रम में 92.78 लाख रुपये और पन्ना जिले के अगस्त्य मुनि आश्रम में 3.95 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य पूरे कर लिए गए हैं।