मध्य प्रदेश के कटनी जिले की विजयराघवगढ़ सीट से बीजेपी विधायक संजय पाठक चर्चा में हैं। मामला पांच जिलों—कटनी, डिंडोरी, उमरिया, जबलपुर और सिवनी—के आदिवासियों के नाम पर 1111 एकड़ जमीन खरीदने से जुड़ा है। आरोप हैं कि यह जमीन विधायक के चार आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर खरीदी गई थी। नई जानकारी के अनुसार, ये चारों आदिवासी कर्मचारी लापता बताए जा रहे हैं। यह दावा दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने किया है। शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग जांच कर रहा है।
प्रशासन ने आदिवासियों से पूछताछ के लिए नोटिस भेजा, लेकिन चारों के परिवार ने बताया कि वे घर पर नहीं हैं और बाहर गए हुए हैं, साथ ही उनके मोबाइल नंबर बंद हैं। हालांकि, हाल के दिनों में दो आदिवासियों को नोटिस सौंपा जा सका, लेकिन बाकी दो के परिजनों ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया।
तारिख पर उपस्थित नहीं हुए चारों आदिवासी
कटनी कलेक्टर ने 14 अक्टूबर को चार आदिवासियों—नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गौड़ और रघुराज सिंह गौड़—को नोटिस जारी कर अपने पक्ष रखने के लिए बुलाया। उन्हें 16 अक्टूबर को उपस्थित होना था, लेकिन चारों नहीं पहुंचे। उनसे उनकी आय के स्रोत, पहचान और बैंक विवरण जैसी जानकारी मांगी जानी थी।
घर पर नहीं मिले, मोबाइल भी बंद
नोटिस सौंपने के लिए प्रहलाद के ठिकाने, छकौड़ी लाल पाठक वार्ड भेजा गया। उनकी बेटी ने बताया कि पिता घर पर नहीं हैं और बाहर गए हुए हैं। प्रहलाद का मोबाइल बंद है, जबकि परिवार ने नोटिस स्वीकार करने से मना कर दिया।









