MP में इन क्षेत्रों को मिलेगी राहत, 4000 करोड़ रुपए की लागत से बनेंगे 5 बायपास, विकास को मिलेगी दोगुनी रफ्तार

मध्य प्रदेश के भिंड जिले में ग्वालियर-इटावा नेशनल हाइवे पर 45 किलोमीटर लंबा बायपास बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यातायात सुगम होगा। यह परियोजना 4000 करोड़ रुपये की लागत से दो चरणों में बनाई जाएगी, जिसमें भिंड, मेहगांव, गोहद, मालनपुर और फूप में बायपास बनाए जाएंगे।

Srashti Bisen
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MP News : मध्य प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए भिंड जिले में प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब ग्वालियर-इटावा नेशनल हाइवे पर लगभग 45 किलोमीटर लंबा बायपास बनाने का निर्णय लिया गया है। यह कदम दुर्घटनाओं में कमी लाने और स्थानीय यातायात को सुगम बनाने के लिए उठाया गया है।

भिंड कलेक्ट्रेट में आयोजित अनुमोदन बैठक में विभिन्न जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में भिंड, मेहगांव, गोहद, मालनपुर और फूप के क्षेत्रों में बनने वाले बायपासों की योजना पर चर्चा की गई। विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह, हेमंत कटारे, केशव देशाई और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बैठक में भाग लिया। साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह भदौरिया और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

बायपास निर्माण का प्रारूप

नई योजना के तहत बायपास का निर्माण खदानों, रेलवे लाइनों और अन्य क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। इस परियोजना के नक्शे को एलईडी स्क्रीन पर दिखाकर जनप्रतिनिधियों से अनुमोदन लिया गया। हालांकि, अटेर विधायक हेमंत कटारे ने क्षेत्रीय उपेक्षा का आरोप लगाया, जिसे अधिकारियों ने बायपास के डिज़ाइन से स्पष्ट कर दिया।

दो चरणों में होगा निर्माण

इस बायपास परियोजना का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में 1500 करोड़ रुपये की लागत से हाईब्रिड एन्युटी मोड के तहत कार्य किया जाएगा। दूसरे चरण में 2500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना की कुल लागत 4000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।

बायपास की लंबाई और क्षेत्र

बायपास की कुल लंबाई और क्षेत्र इस प्रकार होगी:

  • भिंड: 18 km
  • मेहगांव: 10 km
  • गोहद: 5.5 km
  • मालनपुर: 8 km
  • फूप: 3 km

इस बायपास निर्माण के लिए लगभग 400 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। परियोजना का प्रस्ताव पहले भोपाल और फिर दिल्ली भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।