भोपाल मेट्रो की कमर्शियल शुरुआत पर फैसला 15 अगस्त तक, RDSO की रिपोर्ट का हो रहा इंतजार

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By Abhishek SinghPublished On: July 27, 2025

राजधानी भोपाल में मेट्रो रेल सेवा का कमर्शियल संचालन अब एक और महत्वपूर्ण चरण के करीब पहुंच गया है। 9 से 21 जुलाई के बीच अंतिम तकनीकी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया गया है, और अब सभी की निगाहें रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (RDSO) की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिसके 15 अगस्त तक आने की संभावना है। इसी रिपोर्ट के आधार पर यह तय होगा कि मेट्रो को मेट्रो रेलवे सेफ्टी कमिश्नर (CMRS) के निरीक्षण हेतु अनुमति दी जाएगी या नहीं। यदि CMRS से अनुमोदन मिलता है, तो अक्टूबर तक एम्स से सुभाष नगर स्टेशन के बीच मेट्रो के व्यावसायिक संचालन की शुरुआत का लक्ष्य रखा गया है।

एक बार में 900 यात्रियों की क्षमता

भोपाल मेट्रो की हर ट्रेन में तीन कोच शामिल होंगे, जिनकी कुल यात्री क्षमता लगभग 900 होगी। प्रत्येक कोच में करीब 50 यात्रियों के बैठने और 250 के खड़े रहने की व्यवस्था होगी। हाल ही में मेट्रो का परीक्षण सुभाष नगर डिपो से एम्स तक के एलिवेटेड रूट पर सफलतापूर्वक किया गया।

90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हुआ परीक्षण

RDSO की टीम ने मेट्रो को विभिन्न तकनीकी मानकों पर परखा, जिनमें 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर स्पीड ट्रायल, घुमावदार ट्रैक पर संतुलन जांच, इमरजेंसी ब्रेकिंग डिस्टेंस (EBD) और ट्रेन की स्थिरता व निर्माण गुणवत्ता जैसे पहलू शामिल थे। परीक्षण के दौरान हर कोच में करीब 300 यात्रियों के भार के बराबर बोरे रखे गए, जिससे वास्तविक संचालन जैसी स्थिति में परीक्षण संभव हो सका।

अक्टूबर में मिल सकती है हरी झंडी

यदि RDSO की रिपोर्ट निर्धारित मानकों पर खरी उतरती है, तो मेट्रो को मेट्रो रेल सेफ्टी कमिश्नर (CMRS) के निरीक्षण की अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद मेट्रो के कमर्शियल संचालन का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा। अधिकारियों का लक्ष्य है कि अक्टूबर तक सेवा शुरू कर दी जाए। पहले चरण में यह सेवा सुबाष नगर से एम्स के बीच कुल आठ एलिवेटेड स्टेशनों पर संचालित की जाएगी।