मध्य प्रदेश के जबलपुर से भोपाल के बीच नया हाई स्पीड कॉरिडोर बनने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है। वर्तमान में यह दूरी 312 किमी है, जो नए कॉरिडोर के जरिए सिर्फ 255 किमी रह जाएगी। यह प्रोजेक्ट भारत सरकार के विजन 2047 के तहत तैयार किया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) एक ग्रीन फील्ड कॉरिडोर बनाने जा रहा है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 14,000 करोड़ रुपये है। इस हाई स्पीड कॉरिडोर को तैयार करने के लिए मौजूदा मार्ग के कुछ हिस्से का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
नए कॉरिडोर का रूट जबलपुर के बाद तेंदुखेड़ा, नौरादेही जंगल और रायसेन होते हुए भोपाल की ओर जाएगा। इस रूट का मुख्य उद्देश्य यह है कि अब्दुल्लाहगंज से होकर न जाना पड़े, जिससे यात्रा की लंबाई और समय दोनों में कमी आए। मौजूदा रूट से हटकर यह नया मार्ग और भी ज्यादा सुविधाजनक होगा, जो सफर को और भी तेज और आरामदायक बना सकेगा।

वन भूमि का किया जाएगा अधिग्रहण
इस हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण में एक बड़ी चुनौती वन भूमि का अधिग्रहण होगी। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत साहू ने इस बात की जानकारी दी कि इस कॉरिडोर के लिए कई वन क्षेत्रों से भूमि ली जाएगी, जिसके लिए संबंधित विभागों से अनुमति की जरूरत पड़ेगी। यह प्रक्रिया समय-साध्य हो सकती है, लेकिन इसे पार करना जरूरी है।
रूट ऑप्शन्स के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति
नया मार्ग बनाने के लिए विभिन्न रूट ऑप्शन्स पर विचार किया जाएगा, और इसके लिए एक कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा। खासकर हिरन नदी के पास से नया रास्ता बनाने की योजना है, जो रायसेन होते हुए भोपाल की ओर जाएगा। यह मार्ग अधिक सीधा और तेज होगा, जिससे सफर की समयावधि में भी काफी कमी आएगी।
सड़क सुरक्षा का रखा जाएगा पूरा ख्याल
हाई स्पीड कॉरिडोर को डिजाइन करते वक्त खास ध्यान रखा जाएगा कि सड़क बिल्कुल सीधी हो, ताकि गाड़ियों की गति बनी रहे। साथ ही, सड़क पर सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। इसमें स्पीड सेंसर, जीपीएस ट्रैकर और एक्सीडेंट फ्री यात्रा के लिए जरूरी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, पूरी सड़क को दोनों साइड से कवर किया जाएगा, ताकि वाहन बिना रुकावट के तेज गति से दौड़ सकें और किसी भी तरह के हादसे से बचा जा सके।