मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लगातार बढ़ते कर्ज के खिलाफ कांग्रेस ने बुधवार को रंग पंचमी को ‘कर्ज पंचमी’ के रूप में मनाया। कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राहगीरों को गुलाल लगाकर सरकार की कर्ज नीति के प्रति जागरूक किया और आरोप लगाया कि यह कर्ज भ्रष्टाचार के उद्देश्य से लिया जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कार्टूनयुक्त तख्तियां हाथ में थाम रखी थीं, जिन पर सरकार की ऋण नीति के विरोध में विभिन्न स्लोगन लिखे गए थे।
बढ़ते कर्ज से आर्थिक संकट की ओर प्रदेश?
शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 21 साल पूरे होने पर सरकार ने प्रदेश की जनता को बढ़ती महंगाई और कर्ज के बोझ का उपहार दिया है, खासकर रंगपंचमी के अवसर पर। उन्होंने सवाल किया कि ऐसी कौन-सी परिस्थितियां हैं, जिनके कारण सरकार लगातार भारी कर्ज उठा रही है? आखिर वह कौन है, जो प्रदेश को आर्थिक रूप से कमजोर करने में लगा है? सरकार की नीतियों के चलते अधीनस्थ विभागों के कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा, पेंशनभोगियों की महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने की मांग को अनदेखा किया जा रहा है, और विधवा व वृद्धावस्था पेंशन में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही।

15 दिन में तीसरी बार कर्ज
सरकार की वित्तीय स्थिति पर शुक्ला ने कहा कि वह इतनी कमजोर हो गई है कि वह महज 15 दिनों में तीसरी बार कर्ज लेने जा रही है। रंगपंचमी के दिन, 19 मार्च को, सरकार तीन किश्तों में कुल 6,000 करोड़ रुपये का लोन लेगी, जिसमें प्रत्येक किश्त 2,000 करोड़ रुपये की होगी। बीते एक महीने में कुल 16,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के साथ यह अब तक की सबसे बड़ी उधारी होगी। इस नए कर्ज को मिलाकर सरकार 2025 में अब तक 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी होगी, जबकि पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा 57,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। 19 मार्च को लिया जाने वाला यह कर्ज 7, 21 और 24 वर्षों की अवधि के लिए होगा।
बढ़ते करों का बोझ आम जनता पर
इस बारे में बात करते हुए शुक्ला ने सरकार पर आरोप लगाया की सरकार आम जनता से भारी बिजली बिल, अवैध चालान और विभिन्न करों के रूप में मनमानी वसूली कर रही है। टोल नाकों पर भी लोगों से बड़ी रकम ली जा रही है, फिर भी सरकार लगातार कर्ज ले रही है। आखिर यह धन कहां जा रहा है? जनता को इसका जवाब और हिसाब दिया जाना चाहिए।