सीएम शिवराज ने धार जिले में जनसभा को किया संबोधित, बोले- कमलनाथ किसानों और युवाओं से मांगें माफी

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By Rohit KanudePublished On: January 15, 2023

धार। मनावर वालों आपने जिस स्नेह और प्रेम से स्वागत किया है, उसके लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। आपको वचन देता हूं कि जनता के कल्याण और प्रदेश के विकास के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। मनावर का व्यवस्थित विकास हो, पीने के पानी और सड़कों की व्यवस्था हो, रहने के लिए जमीन मिले, इसके लिए भाजपा की सरकार प्रतिबद्ध है। भाइयों-बहनों, आपसे निवेदन करने आया हूं कि भाजपा प्रत्याशियों को अपना आशीर्वाद दें, ताकि विकास के काम रुकने न पायें। यह बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रविवार को धार जिले के मनावर में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए कही।

सीएम शिवराज ने धार जिले में जनसभा को किया संबोधित, बोले- कमलनाथ किसानों और युवाओं से मांगें माफी

कांग्रेस ने किसानों, युवाओं से छल किया, माफी मांगें कमलनाथ

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस अभी हाथ जोड़ो आंदोलन चला रही है। लेकिन कमलनाथ जी आप तो प्रदेश के किसानों, युवाओं से माफी मांगो। कर्जमाफी के नाम पर किसानों को छलने, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता न देने के लिए माफी मांगो। कमलनाथ जी आपने तो बुजुर्गों की तीर्थयात्रा भी छीन ली थी। लेकिन अब मामा वापस आ गया है। ट्रेन से तीर्थयात्रा तो करवाऊंगा ही, साथ ही हवाई जहाज से भी दर्शन के लिए भेजूंगा। चौहान ने कहा कि प्रदेश में 15 महीने के लिए कांग्रेस की सरकार आई, तो अनेक योजनाएं बंद कर दी। यह कांग्रेस झूठ बोलने के अलावा कोई काम नहीं करती है। इसने किसी भी वर्ग का कल्याण नहीं किया।

मकान बनाने के लिए जमीन के साथ सहायता राशि भी देंगे

चौहान ने कहा कि हमारी सरकार ने तय किया है कि जिनके पास रहने के लिए जमीन नहीं है, ऐसे परिवारों को मुख्यमंत्री आवासीय भू- अधिकार योजना में भूखण्ड देंगे और मकान बनवाने के लिए योजना के अंतर्गत सहायता राशि भी दी जायेगी। हमने अभी कुछ समय पहले मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान चलाया था, जिसमें हर पंचायत एवं वॉर्ड में शिविर लगाकर पात्र हितग्राहियों को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने का काम किया था। फिर भी यदि किसी पात्र का नाम छूट गया हो, तो उसका नाम जोड़ दिया जायेगा। चौहान ने कहा कि जिन परिवारों की 8 लाख रुपये तक वार्षिक आमदनी है, ऐसे परिवारों से आने वाले मेधावी बच्चों का मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी, आईआईएम में एडमिशन होने पर इनकी फीस माता-पिता नहीं, बल्कि हमारी प्रदेश सरकार भरवायेगी। मध्यप्रदेश में हमने एक क्रांतिकारी फैसला लिया है, अब मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में भी करवाई जा रही है, ताकि हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करने वाले बच्चे भी डॉक्टर और इंजीनियर बनने का अपना सपना साकार कर सकें।