मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि अन्नदाता किसानों का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार किसानों के कल्याण और उनके हितों की सुरक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। बुधवार को मीडिया को जारी अपने संदेश में उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को हर हाल में 10 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
डॉ. यादव ने यह भी बताया कि जिस सर्कुलर को लेकर जनता और किसानों में भ्रम पैदा हुआ था, उसे तुरंत रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही उस विवादित सर्कुलर को जारी करने वाले चीफ इंजीनियर को पद से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न उत्पन्न हो।
सीएम ने कहा कि प्रदेश में एक संवेदनशील और किसान हितैषी सरकार कार्यरत है, जो किसानों की समस्याओं को समझते हुए उनके लाभ में लगातार निर्णय ले रही है। सरकार का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, सिंचाई और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार करना तथा कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुनः यह स्पष्ट किया कि अन्नदाता की समृद्धि ही प्रदेश की समृद्धि है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी परिस्थिति में असुविधा न हो, इसके लिए सभी संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं।
मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने पहले कृषि फीडरों पर 10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति करने को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी जारी की थी। मुख्य महाप्रबंधक (सेवा/सेवाएं) आर.एस. जैन के पत्र में कहा गया था कि यदि किसी माह में कृषि फीडरों को निर्धारित समय से अधिक बिजली दी जाती है, तो ऑपरेटर से लेकर महाप्रबंधक (GM) स्तर तक के अधिकारियों का वेतन काटा जाएगा। इस आदेश के बाद विपक्ष ने इसे किसानों के हित के खिलाफ बताकर सरकार पर हमला किया। इसके बीच कंपनी ने स्पष्टीकरण भी जारी किया, लेकिन अब संबंधित आदेश को पूरी तरह निरस्त कर दिया गया है।










