उज्जैन में लैंड पुलिंग को लेकर चल रहे विवाद के बीच पहली बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों से बातचीत लगातार जारी है और आगे भी की जाएगी। किसी को असंतुष्ट नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सिंहस्थ में स्थायी निर्माण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विशेष रूप से बल दिया है।
सीएम का बयान ऐसे समय सामने आया है, जब सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय किसान संघ ने किसानों की समस्याओं को लेकर विभिन्न जिलों में पीएम और सीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपे। इन ज्ञापनों में भूमि अधिग्रहण का विरोध प्रमुख मुद्दा रहा। इसी क्रम में मंगलवार को उज्जैन में ट्रैक्टर रैली आयोजित करने का ऐलान किया गया है, जिसमें किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा भी शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि किसान संघ पहले ही सिंहस्थ आयोजन के लिए किसानों की जमीन पर स्थायी निर्माण को लेकर आपत्ति जता चुका है।
उज्जैन बनेगा विश्वस्तरीय आध्यात्मिक केंद्र
उन्होंने यह भी दोहराया कि सिंहस्थ के आयोजन में हमेशा से स्थानीय किसानों का सहयोग रहा है। सिंहस्थ 2016 के दौरान लगभग 650 करोड़ रुपये की लागत से 3000 हेक्टेयर भूमि पर अस्थायी अधोसंरचना का निर्माण किया गया था, जिसे आयोजन समाप्त होने के बाद हटा दिया गया था। सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन को ग्लोबल स्पिरिचुअल सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है।
स्थायी आधारभूत संरचना भी जरूरी
सीएम ने कहा कि सिंहस्थ में हजारों साधु-संत और करोड़ों श्रद्धालुओं को सुचारू सुविधाएँ उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसी भी प्रकार की कमी न हो, इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है। पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अधोसंरचनात्मक कार्य अनिवार्य हैं, ताकि वर्षा या तूफान जैसी परिस्थितियों में मेले में व्यवधान न उत्पन्न हो। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस तरह के बड़े आयोजन के लिए पर्याप्त भूमि की आवश्यकता होती है।