बीजेपी विधायक ने आईएएस अधिकारी को दी धमकी, बोले सिंधिया जी के खिलाफ बोला तो…

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By Kalash TiwaryPublished On: May 28, 2025

BJP MLA Jagannath Raghuvanshi : प्रदेश में एक बार फिर से एक भाजपा विधायक ने अपने विवादित बयान से प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने जिस भाषा का प्रयोग किया है, वो भाषा राजनीतिक गलियारों में बहस का मुद्दा बन गई है और एक बार फिर से भाजपा विधायक की आलोचना शुरू हो गई है।

यह है मामला 

मामला मंगलवार को चंदेरी विधानसभा क्षेत्र से है। बताया जा रहा है अशोकनगर जिला पंचायत के सीईओ IAS राजेश कुमार जैन ने फोन पर पंचायत कर्मचारी और प्रतिनिधियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। इतना ही नहीं IAS राजेश कुमार जैन द्वारा पंचायत सचिव से गाली गलौज तक की गई थी।

सीईओ का एक वीडियो भी वायरल

इसी को लेकर सीईओ का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो के बाद पंचायत कर्मचारी की ओर से इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी गई और राजनीतिक स्तर पर भी मामले पर चिंता जताई गई है।जिसके बाद विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर सीईओ को हटाने की मांग की है।

विवादित बयान 

हालांकि इस दौरान रघुवंशी यही नहीं रुके। उन्होंने इतना तक कह दिया कि सिंधिया जी के बारे में यदि कोई कुछ बोलेगा तो हम उसकी जुबान खींच लेंगे। इसके बाद मामला और अधिक गहरा गया है और उनके इस बयान की आलोचना की जा रही है।

जांच के आदेश

विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी की शिकायत के बाद सीएम मोहन यादव ने मामले की जांच के आदेश दिए हुए है। इस मामले में मुख्य सचिव का कहना है कि उन्हें कलेक्टर और सीएम से पूरी जानकारी मिली है और इस पर जल्दी निर्णय लिया जाएगा।

मामले में कलेक्टर का भी बयान सामने आ गया है। अशोकनगर के कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा है कि मामला संज्ञान में आया है और जांच के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी टीम का कोई भी सदस्य नियम का उल्लंघन करता है तो उसे पर अनुशासनत्मक कार्रवाई सुनिश्चित होगी।

यह पहला मामला नहीं है जब IAS राजेश जैन के खिलाफ यह मामला संज्ञान में आया है। इससे पहले भी कई बार काम और व्यवस्था को लेकर स्थानीय नेताओं और विधायकों द्वारा उनका विरोध किया जाता रहा है। विरोध के कारण ही 2024 में उनके ट्रांसफर शहडोल से मंदसौर किए गए थ।