पूर्व मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश नायक द्वारा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर की गई टिप्पणी का मामला तूल पकड़ चुका है। इसे लेकर संस्कृति बचाओ मंच ने विरोध जताया है। मंच ने घोषणा की है कि जो भी कांग्रेस नेता मुकेश नायक का मुंह काला करेगा, उसे 100 रुपये का इनाम दिया जाएगा। मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि इनाम की राशि मात्र 100 रुपये रखी गई है क्योंकि उनकी नजर में नायक की कीमत इससे अधिक नहीं हो सकती।
अमर्यादित मानसिकता की झलक
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मुकेश नायक द्वारा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर की गई टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अक्सर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय देते हैं और सनातन धर्म के धर्मगुरुओं को अपमानित करने का प्रयास करते हैं। तिवारी का कहना है कि यह लोग अपने शीर्ष नेताओं, राहुल गांधी और सोनिया गांधी, को खुश करने के लिए इस तरह की बयानबाजी करते हैं।
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सनातन समाज से अनुरोध
चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि यदि मुकेश नायक जी स्वयं को इतना आध्यात्मिक मानते हैं, तो उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी धर्मगुरु का अपमान करने से पहले आत्मविश्लेषण करें। उन्होंने मुकेश नायक पर संकीर्ण मानसिकता प्रदर्शित करने का आरोप लगाया।
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संस्कृति बचाओ मंच ने सनातन धर्म के अनुयायियों से अपील की कि जो भी व्यक्ति मुकेश नायक का विरोध स्वरूप उनका मुंह काला करेगा या उन पर कालिख फेंकेगा, उसे 100 रुपये का इनाम दिया जाएगा और अन्य सनातन धर्म मंचों द्वारा सम्मानित किया जाएगा। मंच ने कहा कि 100 रुपये की इनाम राशि इसलिए निर्धारित की गई है क्योंकि उनकी हैसियत इससे अधिक नहीं है।
यह था पूर्व मंत्री नायक का बयान
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देते हुए कहा था कि वह पूरी तरह से राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि मूल रूप से आध्यात्मिक प्रवृत्ति के हैं। उन्होंने कहा कि यदि धीरेंद्र शास्त्री रामचरित मानस, भागवत, गीता और संपूर्ण वैदिक साहित्य पर एक मंच से चर्चा आयोजित करें और उनके पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दें, तो वह उसी मंच पर अपना सिर मुंडवाकर राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन यदि वे उत्तर देने में असमर्थ रहते हैं, तो उन्हें अपना मुंडन कराना होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग आध्यात्मिकता की आड़ में राजनीति में अनर्गल बातें कर रहे हैं, उन्हें यह छोड़ देना चाहिए।
बागेश्वर धाम जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर मुकेश नायक ने कहा था कि नेता अक्सर इस मानसिकता के होते हैं कि जहां भी भीड़ जमा होती है, वे उसे अपने वोट बैंक के रूप में देखने लगते हैं। इससे उनकी सच्चाई कहने की क्षमता समाप्त हो जाती है और वे केवल भीड़ का उपयोग करने की सोचने लगते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी धर्मांधता के प्रभाव में कई नेता बागेश्वर धाम जा रहे हैं, जिसकी उन्होंने आलोचना की।