ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मोहन सरकार द्वारा 6 हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने को लेकर कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि यह कथित निवेश महज दिखावे के प्रचार का हिस्सा है, जिससे न सिर्फ बीजेपी सरकार की सच्चाई सामने आएगी, बल्कि पहले से कर्ज में डूबे प्रदेश की वित्तीय स्थिति और खराब होगी। पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर इवेंटबाजी और अनावश्यक खर्च का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार कर्ज लेने के बावजूद आर्थिक कुप्रबंधन खत्म नहीं हो रहा, जिसे प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
कुल कर्ज 4.10 लाख करोड़ तक पहुंचा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश तेजी से कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। अब तक प्रदेश पर 4.10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ चुका है, और अब जानकारी मिली है कि सरकार 18 फरवरी को 6,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की तैयारी में है। उनकी नजर में यह नीति प्रदेश को गंभीर वित्तीय संकट की ओर ले जा रही है। उन्होंने अफसोस जताया कि सरकार बार-बार सार्वजनिक संपत्तियों को बेचकर या लीज पर देकर आर्थिक संसाधन जुटाने का प्रयास कर रही है।

फ़िज़ूलख़र्ची बढ़ाकर प्रदेश को कर्ज में डुबो रही सरकार
कमलनाथ ने कहा कि यदि प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को सही दिशा में संचालित किया जाए, तो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि राजस्व में भी वृद्धि होगी। बेरोजगारों को रोजगार मिले और उद्योग-व्यापार को अनुकूल माहौल में कार्य करने दिया जाए, तो आर्थिक विकास संभव है। लेकिन प्रदेश की कमजोर कानून व्यवस्था के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि लगातार कर्ज लेने के बावजूद सरकार इवेंटबाजी और फिजूलखर्ची पर अंकुश नहीं लगा रही है, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता इस आर्थिक कुप्रबंधन के लिए सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।