भस्म आरती बनी ठगी का जरिया, श्रद्धालु से वसूले 2 हजार, फिर आरोपी मोबाइल बंद कर हुआ गायब

भस्म आरती के नाम पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं से ठगी की जा रही है। हाल ही में दिल्ली के एक श्रद्धालु से आरती की अनुमति दिलाने के बहाने 2 हजार रुपये वसूल कर ठग फरार हो गया।

Abhishek Singh
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श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की अनुमति दिलाने के बहाने श्रद्धालुओं से ठगी की जा रही है। हालिया मामला दिल्ली से आए एक श्रद्धालु के साथ सामने आया, जिसने ऑनलाइन 2 हजार रुपये का भुगतान किया, लेकिन उसे आरती की अनुमति नहीं मिल सकी।

दिल्ली के करोल बाग के रहने वाले श्रद्धालु अनिल महन्नेतरा ने बताया कि पिछले साल उज्जैन दर्शन के समय उनकी मंदिर परिसर में एक व्यक्ति से भेंट हुई, जिसने अपना नाम सचिन बताया। उस व्यक्ति ने भरोसा जताते हुए अपना मोबाइल नंबर दिया और कहा कि अगली बार यदि वे भस्म आरती में शामिल होना चाहें तो वह उनकी पूरी मदद करेगा।

ठगी का मामला दर्ज, आरोपी की तलाश जारी

जब अनिल को ठगी का संदेह हुआ, तो उन्होंने महाकाल थाना और श्री महाकालेश्वर मंदिर कार्यालय में लिखित रूप से शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के साथ उन्होंने संबंधित मोबाइल नंबर की जानकारी, फोन पे भुगतान का स्क्रीनशॉट और व्हाट्सएप चैट के प्रमाण भी संलग्न किए। श्रद्धालु ने बताया कि मंदिर कार्यालय की आवक-जावक शाखा में उनका आवेदन विधिवत दर्ज कर लिया गया है, जबकि महाकाल पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर मामले की जांच शुरू करने की बात कही है।

पेमेंट के बाद आरोपी ने तोड़ा संपर्क

जून में जब अनिल दोबारा उज्जैन आने की योजना बना रहे थे, तो उन्होंने सचिन से उसके मोबाइल नंबर 62683 26282 पर संपर्क किया। बातचीत के दौरान सचिन ने भरोसा दिलाया कि वह भस्म आरती की अनुमति दिलवा देगा और इसके एवज में फोन पे के जरिए 2 हजार रुपए मंगवा लिए। 16 जून को अनिल उज्जैन पहुंचे और रात में सचिन को कॉल किया, तब उसने अगले दिन की आरती की अनुमति दिलवाने का आश्वासन दिया। हालांकि इसके बाद वह न तो सामने आया और न ही अनिल के कॉल का जवाब दिया।

मंदिर प्रबंधन ने जिम्मेदारी से किया किनारा

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के उप प्रशासक एस.एन. सोनी ने बताया कि इस संबंध में अब तक उनके पास कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है। फिलहाल मंदिर प्रशासन ने खुद को इस प्रकरण से अलग रखा है।

गौरतलब है कि तीन दिन पहले एक और घटना सामने आई थी, जिसमें सुरक्षा कर्मियों ने एक दिन पुरानी शीघ्र दर्शन टिकट के आधार पर श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिलाया था। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित सुरक्षाकर्मियों को तुरंत ड्यूटी से हटा दिया गया।