मध्य प्रदेश में राजस्थान के बाद अब इस साल से चार वर्षीय बीएबीएड और बीएससी बीएड कोर्स को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसका मतलब है कि इस साल इन दोनों कोर्सों में कोई भी प्रवेश नहीं होगा। हालांकि, छात्रों के पास ग्रेजुएशन के बाद दो वर्षीय बीएड और एमएड कोर्स करने का विकल्प मौजूद रहेगा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत, अब चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) कोर्स को लागू किया जाएगा। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने कॉलेजों ने इस नए कोर्स को शुरू किया है, क्योंकि कॉलेजों ने अभी तक पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं की है। इस बारे में उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी, डॉ. तुलसीराम दहायत ने बताया कि जानकारी के अद्यतन होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कितने कॉलेजों में यह कोर्स शुरू हुआ है।

इंटीग्रेटेड कोर्स से एक वर्ष की बचत
ITEP के इस इंटीग्रेटेड कोर्स से छात्रों को एक साल की बचत हो सकती है। वर्तमान में बीएड कोर्स को पूरा करने में जहां 5 साल लगते हैं, वहीं ITEP कोर्स को छात्र केवल 4 साल में ही पूरा कर सकेंगे। यह एक ड्यूल डिग्री कोर्स है, जो छात्रों को समय और प्रयास की बचत करेगा।
2030 तक ITEP का प्रभुत्व
नई शिक्षा नीति के तहत, 2030 से शिक्षकों की भर्ती सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों के आधार पर की जाएगी जिन्होंने ITEP चार वर्षीय बीएड कोर्स किया हो। 2021 में, शिक्षा मंत्रालय ने इस बात का ऐलान किया था कि 2030 के बाद केवल ITEP के माध्यम से प्रशिक्षित शिक्षक ही स्कूलों में भर्ती होंगे।