मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में इस बार एक नया और डिजिटल बदलाव देखने को मिलेगा। अब सदन में हर विधायक की टेबल पर एक टैबलेट मौजूद रहेगा, जिसमें प्रश्नोत्तरी, बजट दस्तावेज, विभागीय रिपोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध होगी। इस व्यवस्था से विधायकों को भारी-भरकम दस्तावेज साथ लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे सत्र से जुड़ी तमाम जानकारियों को एक क्लिक पर प्राप्त कर सकेंगे।
NIC को मिली तकनीकी जिम्मेदारी
इस हाईटेक पहल की पूरी जिम्मेदारी नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) को सौंपी गई है। विधानसभा सचिवालय ने निर्देश दिए हैं कि मानसून सत्र शुरू होने से पहले यह डिजिटल सिस्टम पूरी तरह तैयार हो जाए। विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि कोशिश यही है कि नए सत्र की शुरुआत से पहले ही सभी तकनीकी तैयारियां पूरी हो जाएं ताकि कार्य सुचारु रूप से संचालित किया जा सके।

विधायकों को मिल रहा डिजिटल प्रशिक्षण
डिजिटल बदलाव को सफल बनाने के लिए विधायकों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। शुरुआती चरण में उन्हें दस्तावेजों की हार्डकॉपी उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन धीरे-धीरे सॉफ्टकॉपी भी देना शुरू किया जाएगा। प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि विधायक नई व्यवस्था को सहज रूप से अपना सकें और कार्यवाही में किसी प्रकार की बाधा न आए।
विधानसभा सचिवालय पहले से है डिजिटल
यह उल्लेखनीय है कि विधानसभा सचिवालय और मंत्रालय के बीच पहले से ही ऑनलाइन कार्यप्रणाली लागू है। इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जिसमें सभी विधायकों के ई-मेल एड्रेस और डिजिटल सिग्नेचर पहले ही तैयार किए जा चुके हैं। सचिवालय के पास मौजूद डिजिटल सिग्नेचर को ऑनलाइन कार्यवाही में पूरी तरह मान्यता दी जाती है। अब इस व्यवस्था को और व्यापक रूप देने के लिए विधानसभा की कार्यप्रणाली को पूरी तरह डिजिटल करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।