एमपी के निजी स्कूलों में फ्री में होगा एडमिशन, मोहन सरकार उठाएगी खर्चा

मध्यप्रदेश सरकार ने RTE के तहत 83,483 आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निजी स्कूलों में फ्री एडमिशन दिलाया है, जिसकी फीस सरकार खुद भरेगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी रही, जिससे MP देश का पहला पूर्ण डिजिटल RTE राज्य बना है।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश सरकार ने शिक्षा के अधिकार (RTE) कानून के तहत एक बड़ा कदम उठाते हुए समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने की दिशा में पहल की है। राज्यभर में 29 मई को पहली RTE लॉटरी के जरिए करीब 83,483 बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश मिला है। ये बच्चे अब बिना किसी आर्थिक बोझ के राज्य के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में पढ़ाई कर सकेंगे। इनकी पूरी फीस राज्य सरकार वहन करेगी।

मुफ्त स्कूल प्रवेश योजना के तहत प्रदेशभर से 1.66 लाख से ज्यादा बच्चों ने आवेदन किया था। दस्तावेजों की जांच के बाद सभी आवेदन सही पाए गए। इनमें से करीब 50% बच्चों को उनकी पसंद के अनुसार स्कूल अलॉट किए गए। पूरी चयन प्रक्रिया ऑनलाइन और रैंडमाइज्ड सिस्टम के जरिए की गई, जिससे यह पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रही।

MP बना डिजिटल RTE सिस्टम का अग्रणी राज्य

मप्र शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह के अनुसार, मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है जिसने RTE एडमिशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और ऑटोमेटेड बनाया है। नर्सरी से पहली कक्षा तक के बच्चों को उनकी प्राथमिकता के आधार पर सीट दी गई है, 72,812 बच्चों को पहली, 5,646 को दूसरी, और 2,665 बच्चों को तीसरी वरीयता के अनुसार स्कूल मिला है।

सात से 21 मई तक हुई पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन

पूरे एडमिशन प्रोसेस को 7 से 21 मई के बीच ऑनलाइन किया गया, जिससे ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के माता-पिता भी अपने बच्चों के लिए अच्छे स्कूल में दाखिला दिलवाने में सक्षम हो सके। यह पहल न सिर्फ तकनीकी रूप से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि शिक्षा की पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने का भी उदाहरण है।